भुवनेश्वर में होमगार्ड ने पेश की ईमानदारी की मिसाल: चारों तरफ से मिल रही है बधाई

भुवनेश्वर में एक होमगार्ड ने अनजान आदमी से अनजान आदमी के लिए मिला पैसे वाला बैग सही सलामत पहुंचाया। बैग में 500 रुपये वाला एक नोट का बंडल मिला। इस बंडल में 46 हजार रुपया था। होमगार्ड के इस महान कार्य की अब चारों तरफ से प्रशंसा हो रही है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 01:03 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 01:03 PM (IST)
भुवनेश्वर में होमगार्ड ने पेश की ईमानदारी की मिसाल: चारों तरफ से मिल रही है बधाई
भुवनेश्वर में होमगार्ड ने पेश की ईमानदारी की मिसाल

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राजधानी भुवनेश्वर में एक होमगार्ड ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। अनजान व्यक्ति से मिला पैसे वाला बैग असल व्यक्ति के पास पहुंचाया। इस बैग में 500 रुपये की 92 नोट यानी 46 हजार रुपये थे। होमगार्ड के इस ईमानदारी की खबर सामने आने के बाद चारों तरफ से बधाई  के संदेश आ रहे हैं।

 जानकारी के मुताबिक रसुलगड़ चौक पर होमगार्ड प्रताप खंडुआल ड्यूटी कर रहे थे। अचानक उनके पास हड़बड़ी में एक आदमी आया और प्रताप के हाथ में बैग पकड़ा दिया। उस आदमी ने कहा कि भाई गलती से मो बस से इस बैग को लेकर मैं आ गया। बैग को उसके मालिक के पास पहुंचा देना। मैं एम्स जा रहा हूं। होमगार्ड प्रताप कुछ कहते इससे पहले उक्त बातें कहते हुए संपृक्त व्यक्ति वहां से चला गया। बैग पकड़ने के बाद प्रताप घबरा गए, इस बैग में है क्या, इस बैग का क्या करें, इसके मालिक के पास कैसे पहुंचाए तमाम सवाल उनके मन में आ रहे थे और इसे लेकर उनके मन में डर भी लग रहा था। हालांकि प्रताप ने डर के बीच बैग खोला। बैग के अन्दर 500 रुपये वाला एक नोट का बंडल मिला। इस बंडल में 46 हजार रुपया था।

बैग में एक कागज भी था जिसमें एक फोन नंबर लिखा था। उस फोन नंबर जब होमगार्ड प्रताप ने फोन किया तो जितेन्द्रनाथ सेनापति नामक एक युवक ने फोन रिसीव किया। प्रताप ने पूरी बताने के बाद जितेन्द्रनाथ ने अपने पूरे दस्तावेज के साथ रसुलगड़ चौक पर पहुंचे। प्रताप को कागजात दिखाए और अपना रुपये वाला बैग ले गए। जितेन्द्रनाथ का घर कोणार्क में है। उसने मो बस में कैसे बैग छोड़ दिया, परिवार के डर से इस संदर्भ में उसने कुछ नहीं बताया।

 राजधानी भुवनेश्वर में होमगार्ड के इस महान कार्य की अब चारों तरफ से प्रशंसा हो रही है। लोगों का कहना है कि पैसे देखकर अच्छे-अच्छे लोगों का मन बदल जाता है, मगर प्रताप खांडुआल ने जो ईमानदारी दिखाई है वह निश्चित रूप से आम लोगों के लिए अनुकरणीय है।

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