पूर्व मंत्री तथा बीजद के विधायक विजय रंजन सिंह बरिहा का निधन, सीएम सहित अन्य नेताओं ने जताया शोक

बीजू जनता दल के विधायक विजय रंजन सिंह बरिहा का निधन हो गया है। बीजद विधायक के निधन की खबर सामने आने के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी अरुख बीजद के महासचिव प्रणव प्रकाश दास वरिष्ठ नेता प्रसन्ना आचार्य आदि नेताओं ने शोक प्रकट किया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2022 07:46 PM (IST) Updated:Mon, 03 Oct 2022 07:46 PM (IST)
पूर्व मंत्री तथा बीजद के विधायक विजय रंजन सिंह बरिहा का निधन, सीएम सहित अन्य नेताओं ने जताया शोक
बीजू जनता दल के विधायक विजय रंजन सिंह बरिहा का निधन हो गया है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बीजू जनता दल के विधायक विजय रंजन सिंह बरिहा का निधन हो गया है। उन्होंने बीती रात भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय उनकी आयु 65 वर्ष थी।

बीजद विधायक के निधन की खबर सामने आने के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी अरुख बीजद के महासचिव प्रणव प्रकाश दास, वरिष्ठ नेता प्रसन्ना आचार्य आदि नेताओं ने शोक प्रकट किया है। विजय रंजन सिंह बरिहा बीमारी के कारण कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।

हालांकि डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और बीती रात करीब आधी रात को उनका निधन हो गया।

मंत्री स्नेहांगिनी छुरिया, वरिष्ठ नेता राशेश्वरी पाणीग्राही, अतनु सब्यसाची नायक और सुशांत सिंह ने भी विजय के निधन पर शोक व्यक्त किया है। विजय रंजन बरिहा पद्मपुर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय नेता थे। वह इस विधानसभा सीट से पांच बार विधायक थे।

1990 से 2000 तक वह जनता दल से विधायक बने। इसके बाद बीजद से विधायक रहे। विजय रंजन बरिहा आम लोगों के नेता थे। लोगों के सुख दुख में वह सदैव खड़ा रहते थे। इसलिए वह बार-बार जीतकर विधानसभा पहुंचे।

2000, 2009 और 2019 में, बीजद के टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2009 में वह जाति और जनजातीय मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। विजय ने जेएनयू से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया था। उनके पार्थिव शरीर को सबसे पहले विधानसभा ले जाया गया जहां पर नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यालय ले जाया गया, जहां बीजद नेता एवं कार्यकर्ताओं ने अंतिम दर्शन कर श्रद्धांति दिए। इसके बाद वहां से उनके पार्थिव शरीर उनके जन्मस्थान ले जाया जाएगा।

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