सरकार के संरक्षण में चल रहा था सेल्टर होम

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि राज्य सरकार के रवैये के उदासीन रवैये और प्रोत्साहन के चलते राज्य में लड़कियां और महिलाएं प्रताड़ित होने के साथ अपमानित हो रही हें।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Dec 2018 05:13 PM (IST) Updated:Mon, 03 Dec 2018 05:13 PM (IST)
सरकार के संरक्षण में चल रहा था सेल्टर होम
सरकार के संरक्षण में चल रहा था सेल्टर होम

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि राज्य सरकार के उदासीन रवैये एवं प्रोत्साहन के चलते आज राज्य की लड़कियां एवं महिलाएं प्रताड़ित होने के साथ अपमानित हो रही हैं। गांव एवं मुहल्ले के लोगों की इच्छा से नहीं, बल्कि शासक दल के नेता एवं कार्यकर्ताओं के लाभ के लिए जनता द्वारा दिए गए टैक्स का पैसा राज्य सरकार खर्च कर रही है।

ढेंकानाल एवं अनुगुल जिला में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में रविवार को शामिल हुए केंद्रीय मंत्री प्रधान ने ढेंकानाल के बेलटिकरी गांव की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में विभागीय मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। प्रधान ने कहा कि राज्य सरकार के प्रत्यक्ष प्रोत्साहन से राज्य में एक या दो नहीं, बल्कि 23 सेल्टर होम गैरकानूनी ढंग से चल रहे थे। इन सेल्टर होम में ओड़िया बच्चों को विभिन्न प्रकार की मानसिक एवं शारीरिक तकलीफ दी जा रही थी। इसका प्रमाण आज सबके सामने आ गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आश्चर्य होता है कि इस तरह का केंद्र ढेंकानाल जिलाधीश कार्यालय से मात्र 10 से 15 किमी की दूरी पर चल रहा था। सवाल उठता है कि इसे चलाने के लिए किसने अनुमति दी थी और किसके प्रोत्साहन से यह चल रहा था।

प्रधान ने कहा कि ओडिशा सरकार संवेदनहीन सरकार है। चाहे वह कुंदली की बेटी के आत्महत्या का मामला हो या फिर बेलटिकरी गांव की ¨नदनीय घटना, महिलाओं के प्रति इस सरकार ने संवेदनहीनता की सभी सीमा को पार कर गई है। आगामी दिनों में इसके खिलाफ जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि तालचेर में 10 हजार करोड़ रुपये से एनटीपीसी-टीटीपीएस के 1320 मेगावाट पावर स्टेशन प्रोजेक्ट के अनुमति के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है, मगर सरकार नहीं सुन रही है। बार-बार पत्र लिखकर नवीन सरकार को अनुरोध किया जा रहा है मगर सरकार या जिला प्रशासन केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने के लिए जमीन तक मुहैया नहीं कर रही है। एमसीएल के मेडिकल कॉलेज में भी राज्य सरकार बाधा डाल रही है। प्रधान ने कहा कि ओड़िया लोगों के खून पसीने के टैक्स के पैसे से होने वाले कार्य को बीजद नेता, विधायक, मंत्री एवं सरकारी अधिकारी जनता की सलाह लिए बगैर खर्च कर रहे हैं। प्रधान ने कहा कि पहले जहां 50 हजार रुपये से अधिक के कार्य के लिए टेंडर जरूरी होता था, अब इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। प्रधान ने कहा कि सरकारी दल के लूट के खिलाफ अब ओडिशा के लोग एकत्र होकर परिवर्तन करने को कमर कस चुके हैं।

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