Cyclone alert in Odisha: ओडिशा में आसनी की आहट, चक्रवात से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन

Cyclone Alert in Odisha ओडिशा में समुद्र में हलचल होनी शुरू हो गई है। यहां 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की हिदायत दी गई है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 05 May 2022 10:41 AM (IST) Updated:Thu, 05 May 2022 01:44 PM (IST)
Cyclone alert in Odisha: ओडिशा में आसनी की आहट, चक्रवात से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन
तटीय ओडिशा के साथ दक्षिण ओडिशा के अनेक जिलों में वज्रपात को लेकर सतर्क सूचना जारी

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। चक्रवात आसनी की आहट सुनाई देने के बाद ओडिशा में अब घनाघन बैठकों का दौर शुरू हो गया है। चक्रवात से निपटने के लिए जीरो कैजुएल्टी, समय से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने आदि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को सतर्क रहने के लिए आज विशेष राहत आयुक्त ने प्रदेश के 18 जिलों के जिलाधीश को पत्र लिखकर सतर्क रहने की सलाह दी है।

सतर्क रहने को निर्देश

जानकारी के मुताबिक ओडिशा के 18 जिलों में गंजाम, गजपति, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालेश्वर, नयाग़, कटक, मयूरभंज, केन्दुजर, ढेंकानाल, मालकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा एवं कंधमाल जिला शामिल है। इन जिलों के जिलाधीश के साथ आज विशेष राहत आयुक्त ने बैठक कर सतर्क रहने को निर्देश दिया है। विशेष राहत आयुक्त ने इन जिलों में आपातकालीन दफ्तर तथा कंट्रोलरूम को 24 घंटे खुले रखने का निर्देश दिया है। प्रभावित होने वाली जगहों की पहचान कर लोगों को स्थानांतरित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा है। खासकर तटीय जिलों में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित करने को कहा गया है। सुरक्षित स्थान या पक्के मकान की पहचान कर आश्रय स्थल बनाने के साथ ही स्थानीय बीडीओ एवं तहसीलदार को बाढ़ आश्रय स्थल का निरीक्षण करने को विशेष राहत आयुक्त ने निर्देश दिया है। प्रत्येक आश्रय स्थल दो पुरुष एवं एक महिला के दायित्व में रहेगा। इसमें आशा कर्मी या फिर शिक्षिका, सिपाही या होमगार्ड को शामिल किया गया है। आश्रय स्थल में पानी, शौचालय, लाइट, जनरेटर आदि की व्यवस्था है या नहीं उसका निरीक्षण करेंगे।

60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी हवा

यहां उल्लेखनीय है कि चक्रवात आसनी को लेकर अभी तक भारतीय मौसम विभाग की तरफ से कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी गई है। हालांकि संभावना जतायी जा रही है कि चक्रवात आसनी का लैंडफाल ओडिशा में हो सकता है। इसके लिए यहां का वातावरण भी उसी हिसाब से धीरे-धीरे बदलने लगा है। समुद्र धीरे-धीरे अशांत होने लगा है। मौसम विभाग की माने तो 12 से 36 घंटे के बीच कम दबाव का क्षेत्र बन जाएगा। उत्तर से पश्चिम दिशा की तरफ गति करने के साथ ही कम दबाव का क्षेत्र गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगा। केन्द्रीय बंगोप सागर में तो शुक्रवार से ही बारिश शुरू हो जाएगी और इस दौरान 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। ऐसे में मछुआरों को समुद्र में ना जाने के लिए भारतीय मौसम विभाग की तरफ से हिदायत दी गई है।

वज्रपात को लेकर सतर्क सूचना जारी

हालांकि चक्रवात की तीव्रता क्या होगी, यह कहां पर लैंडफॉल करेगा, यह सब शुक्रवार को स्पष्ट होने की उम्मीद की जा रही है। दक्षिण अंडमान सागर में बना परिसंचरण का केंद्र धीरे-धीरे सक्रिय हो रहा है। यह कम दबाव में तब्दील होने के बाद चक्रवात का रूप धारण करेगा। मौसम विभाग की संस्था विंडी से पता चला है कि यह चक्रवात ओडिशा के तट से ही टकराएगा। गोपालपुर से बालेश्वर के बीच स्थल भाग से टकराने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ मौसम विभाग ने अगले 4 दिन के लिए तटीय ओडिशा के साथ दक्षिण ओडिशा के अनेक जिलों में वज्रपात को लेकर सतर्क सूचना जारी की है।

गौरतलब है कि चक्रवात को लेकर अभी से राजधानी भुवनेश्वर के साथ तटीय जिलों के मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। समुद्री हवा एवं आसमान में छाए काले बादल लोगों की धड़कनें बढ़ा रहे हैं। सरकार एवं प्रशासन संभावित चक्रवात को लेकर उससे निपटने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।

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