श्रीजगन्नाथ रथयात्रा: बारीपदा में महिलाओं ने खींचा देवी सुभद्रा का रथ

तीसरे दिन रविवार को प्रभु श्रीजगन्नाथ जी का रथ खींचा गया, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने भगवान का रथ खींचा।

By BabitaEdited By: Publish:Mon, 16 Jul 2018 08:44 AM (IST) Updated:Mon, 16 Jul 2018 08:44 AM (IST)
श्रीजगन्नाथ रथयात्रा: बारीपदा में महिलाओं ने खींचा देवी सुभद्रा का रथ
श्रीजगन्नाथ रथयात्रा: बारीपदा में महिलाओं ने खींचा देवी सुभद्रा का रथ

बालेश्वर, जेएनएन। बारीपदा की रथयात्रा राज्य में दूसरी सबसे लोकप्रिय रथयात्रा मानी जाती है। पुरी रथयात्रा की तरह बारीपदा एवं नीलगिरी में रथयात्रा उत्सव मनाया जाता है। करीब 450 साल पुरानी इस रथयात्रा में 43 साल से देवी सुभद्रा के रथ को महिलाएं ही खींचती आ रही हैं, जो शनिवार को भी देखने को मिला।

यहां तीन दिनों तक भगवान जगन्नाथ की विधि से पूजा-अर्चना होती है। पहले दिन भगवान को रथारूढ किया जाता है। दूसरे दिन देवी सुभद्रा एवं भगवान बलराम की रथयात्रा निकाली गई। वहीं तीसरे दिन रविवार को प्रभु श्रीजगन्नाथ जी का रथ खींचा गया, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने भगवान का रथ खींचा। नीलगिरी में भी इसी तरह रथयात्रा निकाली जाती है। मान्यता के अनुसार, बारीपदा के राजा (भंज राजा) यहां राज किया करते थे। इसीलिए यहां पर बारीपदा की परंपरा को मनाया जाता है। यहां पर सैकड़ों भक्तों ने एकत्र होकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथ को खींचकर मौसी के घर पहुंचाया। तीनों रथों को पुरी की तर्ज पर सजाया गया था। बुजुर्गों की माने तो प्रथम विश्व महिला दिवस 1975 में (इमरजेंसी के वक्त) मयूरभंज जिला प्रशासन ने निर्णय लिया कि विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ी महिलाएं एवं अन्य महिलाएं ही देवी सुभद्रा के रथ को खींचेगी, उसी समय से यह प्रथा चली आ रही है।

 इसे सौभाग्य ही कहा जाएगा कि वर्ष 1975 में देश की महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी तथा ओडिशा में महिला मुख्यमंत्री नंदिनी शतपथी थी। केंद्र एवं राज्य दोनों जगह पर महिला का शासन था। इसी साल विश्व महिला दिवस भी मनाया गया था। 

इमामी नगर व बालेश्वर एलॉयज में रथयात्रा संपन्न

स्थानीय बाल गोपालपुर स्थित इमामी नगर में पवित्र रथयात्रा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। शुक्रवार को महाप्रभु का नेत्र उत्सव, नवयौवन दर्शन के बाद शनिवार को धूमधाम से रथयात्रा निकाली गई जिसमें पड़ोसी राज्य झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी समेत दक्षिण के राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और महाप्रभु के रथ को खींचकर मौसी के घर ले गए। 

इमामी पेपरमिल से जुड़े पीएस पटावारी, एमबीएस नायर, सुशील गोयनका, एसके खेतान, मनोज पाढ़ी आदि भी रथयात्रा में शामिल रहे। इसी तरह बालेश्वर एलॉयज परिसर में भी रथयात्रा का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों न शामिल होकर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र के रथ को खींचकर मौसीबाड़ी पहुंचाया। रथ पर छेरा पहंरा की परंपरा संस्था के निदेशक धीरेन कुमार नाथ ने निभाई। अन्य लोगों में तिलक थापा, राजीव महापात्र, देवाशीष चटर्जी, शोभन परिड़ा आदि शामिल रहे। आगामी 22 जुलाई को बाहुड़ा यात्रा निकाली जाएगी।

श्रीवाणी क्षेत्र में निकली महाप्रभु की रथयात्रा

भुवनेश्वर के श्रीवाणी क्षेत्र में धूमधाम के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकली। परंपरानुसार मंगल आरती, मइलम, तड़पलागी, रोष होम, अवकाश, सूर्य पूजा एवं रथ प्रतिष्ठा आदि नीति संपन्न करने के बाद प्रतिष्ठा ता डॉ. अच्यूत सामंत ने अपराह्न 3:30 बजे रथ पर छेरा पहंरा क्रिया की। इसके बाद चार बजकर 30 मिनट पर भक्त भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा एवं महाप्रभु का रथ खींचकर अस्थाई रूप से र्नििमत गुंडिचा मंदिर तक ले गए।  

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