आखिर उपेंद्र कुशवाहा के पॉलिटिक्ल स्टंट के क्या हैं मायने...

बिहार में रालोसपा और राजद की दोस्ती नया गुल खिलाएगी। आज शिक्षा में सुधार को लेकर बने मानव कतार में एनडीए ने रालोसपा का साथ नहीं दिया तो वहीं राजद ने पार्टी का हाथ थाम लिया है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 30 Jan 2018 03:24 PM (IST) Updated:Tue, 30 Jan 2018 11:57 PM (IST)
आखिर उपेंद्र कुशवाहा के पॉलिटिक्ल स्टंट के क्या हैं मायने...
आखिर उपेंद्र कुशवाहा के पॉलिटिक्ल स्टंट के क्या हैं मायने...

पटना [जेएनएन]। बिहार में हालांकि चुनाव के लिए काफी समय है लेकिन, पार्टियों में जोड़-तोड़ और साथ चलने छोड़ने की कवायद शुरू हो गयी है। चुनाव तक क्या होगा? कौन किसके साथ जाएगा? कौन कहां रहेगा? यह कहना मुश्किल है। हालांकि रालोसपा और राजद की दोस्ती के मायने अब जरूर तलाशे जाएंगे। आज जो हुआ है उसपर सबकी निगाहें हैं।

रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा द्वारा राज्य में शिक्षा सुधार के लिए शिक्षा सुधार-मानव कतार का आयोजन राज्य के हर जिले में किया गया है जिसे लेकर मानव कतार तो बनी लेकिन इसे लेकर राजनीतिक महकमे में खलबली मचल गयी है और एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, एेसी बातें छनकर आ रही हैं।

एक ओर उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा एनडीए के घटक दलों में शामिल है और उन्होंने एनडीए समेत सभी विपक्षी पार्टियों से भी शिक्षा में सुधार को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला में शामिल होने की अपील की थी, जिसके बाद एनडीए के नेता तो इस मानव श्रृंखला में शामिल नहीं हुए लेकिन प्रमुख विपक्षी दल राजद के इस श्रृंखला में शामिल होने से खलबली मच गई है।

राजद नेता मुख्य आयोजन स्थल भी पहुंचे और उपेंद्र कुशवाहा का हाथ थामकर मंच तक भी गए और उनकी खूब सराहना भी की। हालांकि जदयू ने यह कहकर किनारा कर लिया कि जिस आयोजन में राजद के नेतागण शामिल होंगे उस आयोजन में हम शामिल नहीं हो सकते। तो वहीं, भाजपा नेताओं ने भी इससे कन्नी काट लिया।

इससे इतर, कांग्रेस ने बड़ी चाल चली और कार्यकारी प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि हम रालोसपा और राजद की नजदीकी से काफी खुश हैं, ये भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।

वहीं रालोसपा नेता नागमणि ने धमकी देते हुए कहा कि जदयू के नेता जो आजकल बड़ी बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें होश में रहना चाहिए। नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा। मेरा नाम नागमणि है और मैं दुश्मनों के लिए नाग हूं और दोस्तों के लिए मणि हूं। 

उपेंद्र कुशवाहा ने संभावना जताते हुए कहा कि हमें लगा था बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ आयोजित श्रृंखला में मेरी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे, लिहाजा इस श्रृंखला में भी एनडीए के घटक दलों के कार्यकर्ताओं को भाग लेना चाहिए था।

वहीं, दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर राजद नेताओं के मानव कतार में शामिल होने को लेकर खुशी व्यक्त की है। 

 

ठीक राज्य सरकार द्वारा दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ बनी मानव श्रृंखला के दसवेें दिन उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा में सुधार के लिए मानव कतार बनायी और उसमें राजद की भागीदारी देखकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसके बाद उस चर्चा को हवा मिल गई है जब कुशवाहा ने राज्य सरकार की शिक्षा नीति को लेकर सवाल उठाए थे।

इसके बाद आज एनडीए के घटक दलों ने कुशवाहा का साथ नहीं देकर इस बात को हवा दे दी है कि एनडीए में सबकुछ सामान्य नहीं है। क्योंकि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और भाजपा दोनों ने रालोसपा के कुशवाहा से दूरी बनाए रखना ही बेहतर समझा है, अब देखना है कि ये कौन सा नया राजनीतिक समीकरण तय होगा, ये देखना होगा। 

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