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करनाल के शिक्षक ने किया कमाल, बच्चों को तीसरी लहर से बचाने को कोरोना फ्री नल

करनाल में एक स्‍कूल ने बच्‍चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की हर संभव कवायद शुरू कर दी है। निगदू के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक दिनेश चौधरी ने इजाद की तकनीक पैर से चलता है पानी का नल छूने की जरूरत नहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 08:15 AM (IST)
सार्वजनिक जगह पर कोरोना फ्री नल को लगाते शिक्षक दिनेश चौधरी।

करनाल, [प्रदीप शर्मा]। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए जहां सरकार तैयारियां कर रही है, वहीं निगदू के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक दिनेश चौधरी ने भी बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए कोरोना फ्री नल तैयार किया है। नल से पानी लेने के लिए छूने की जरूरत नहीं है। यह पैर से चलता होता है। इस तकनीक को विकसित करने के लिए करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव ने भी उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। दिनेश ने अब तक 70 सार्वजनिक जगहों पर इस नल को लगाया है। अब प्रदेश के अलग-अलग जिलों जींद व हिसार के राजकीय स्कूलों से भी दिनेश के पास यह कोरोना फ्री नल लगाने के लिए फोन आए हैं।

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महज 150 से 200 रुपये में तैयार हो जाता है यह मैकेनिज्म

दिनेश चौधरी ने वेस्ट सामान से ऐसा कोरोना फ्री नल तैयार किया जो सेंसर युक्त नल का एक विकल्प साबित हो सकता है। नया मैटीरियल लिया जाए तो 150 से 200 रुपये में तैयार हो जाता है। पुराना कंडम सामान है तो उसका प्रयोग कर 50 रुपये में यह नल तैयार हो जाता है। सेंसर वाले पानी के नल की कीमत पांच से 10 हजार रुपये तक की होती है

जिले में अब तक 70 जगहों पर लगाया जा चुका यह नल

शिक्षक दिनेश चौधरी ने बताया कि उन्होंने पहला ट्रायल अक्टूबर 2020 में निगदू के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निगदू में किया, जो सफल रहा। कोरोना फ्री नल को तैयार करने में मुश्किल से 150 से 200 रुपये लगते हैं। अब तक उन्होंने जिला सचिवालय, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मंदिरों, गुरुद्वारों व अन्य 70 सार्वजनिक स्थानों पर नल को लगाया है। चंडीगढ़ के सेक्टर-20 स्थित गुरुद्वारा में भी उन्होंने नल लगाया है। अब हिसार व जींद से भी डिमांड आ रही है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से भी निगदू के स्कूल में इस नल के पूरे मैकेनिज्म को तैयार कैसे किया गया, उसकी वीडियोग्राफी कराई गई है।

निगदू स्कूल रहा कोरोना मुक्त

शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए दो नवंबर 2020 को 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति प्रदान की थी। इसके बाद एक फरवरी को छठी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल भी खोल दिए गए। यह वह दौर था जब पहली लहर शांत हो गई थी, इसके बाद दूसरी लहर के केस आने शुरू हो गए थे। इस समयावधि में जिले के अलग-अलग स्कूलों में 631 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए। स्कूल प्रबंधन की ओर से दावा किया गया है कि इस दौरा निगदू के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढऩे वाले करीब 1200 में से एक भी बच्चा कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के ङ्क्षप्रसिपल धर्मपाल ने बताया कि कोरोना से बच्चों के बचाव के लिए दिनेश चौधरी ने अनूठी तकनीक विकसित की है। उन्होंने स्कूल में कोरोना फ्री नल लगाया गया है। जो पैर से आपरेट होता है।


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