होमगार्ड व आंगनबाड़ी कर्मियों का राशन कार्ड रद
कोरोना महामारी व लॉकडाउन में व्यवस्था बनाए रखने में नियोजित शहर के डेढ़ सौ से अधिक होमगार्ड व आंगनबाड़ी कर्मियों का राशन कार्ड रद कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना महामारी व लॉकडाउन में व्यवस्था बनाए रखने में नियोजित शहर के डेढ़ सौ से अधिक होमगार्ड व आंगनबाड़ी कर्मियों का राशन कार्ड रद कर दिया गया है। ऐसे में वे तीन महीने की राशन सामग्री पाने से वंचित हो गए हैं। आपूíत विभाग के रवैये को लेकर उनमें भारी असंतोष है एवं प्रभावितों ने जिलापाल से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
राउरकेला शहर के सिविल टाउन, स्टील टाउन क्षेत्र में साढ़े तीन सौ आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें आंगनबाड़ी कर्मचारी के साथ सहायिका भी कार्यरत हैं। आंगनबाड़ी कर्मियों को मासिक साढ़े सात हजार रुपये तथा सहायिका को साढ़े तीन हजार रुपये पारिश्रमिक दिया जाता है। कम वेतन पर काम करने वाले इन कर्मियों में से 15 फीसद का राशन कार्ड रद कर दिया गया है। समन्वित बाल विकास परियोजना अधिकारी से वेतन संबंधित प्रमाणपत्र लेकर जमा करने के बावजूद उन्हें राशन सामग्री से वंचित रखा गया है। शहर के 50 से अधिक होमगार्ड का भी राशन कार्ड रद किया गया है। इससे उन्हें भी भारी असुविधा हो रही है। सरकार की ओर से कोरोना महामारी व लॉकडाउन में राहत देने के लिए तीन महीने का अनाज एक साथ देने का प्रबंध किया गया है। लेकिन इस तरह की अव्यवस्था के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। कोट-
एक बार राशन कार्ड जारी होने एवं सूची में नाम शामिल होने के बाद अचानक नहीं कटना चाहिए। अब तक इस तरह की शिकायत नहीं मिली है। ठोस शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच करने तथा नाम काटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
रामचंद्र टुडू, सहायक आपूíत अधिकारी, राउरकेला। आनलाइन खाद्य सामग्री डिलीवरी का धंधा चौपट कोरोना को लेकर जारी लॉक डाउन के कारण खाद्य सामग्रियों की होम डिलीवरी चरमरा गई है। शहर में यह काम करने वाले करीब ढाई सौ रेस्टोरेंट में से 50 खुले हैं एवं इनके कारोबार में भी 70 फीसद से अधिक कमी आई है जिसका इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। मांग कम होने के कारण कई कारोबारी डिलीवारी ब्वायज से भोजन की जगह राशन सामग्री की डिलीवरी करा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की आशंका से शहर व आसपास के अधिकतर उद्योग व संयंत्र बंद पड़े हैं। लोगों का काम धंधा बंद है एवं अधिकतर लोगों को बना बनाया भोजन पसंद नहीं आ रहा है जिसका सीधा असर होम डिलीवरी कारोबार पर पड़ा है। जोमेटो, स्वीगी के साथ मिलकर होम डिलीवरी का काम करने वाले ढाई सौ में से करीब 50 रेस्टोरेंट ही काम कर रहे हैं। इनके लिए भी कड़ी शर्त होने के कारण अधिकतर रेस्टोरेंट मालिक काम बंद कर दिए हैं। उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारी भी अपने घरों को चले गए हैं। शहर में विभिन्न रेस्टोरेट से होम डिलीवरी के लिए 90 से अधिक डिलीवरी ब्वायज काम करते थे पर अब बामुश्किल 30 ही काम कर रहे हैं। इनके द्वारा भी पका भोजन की जगह अब राशन की ऑनलाइन डिलीवरी कराई जा रही है।