स्टालिन ने तमिलनाडु सरकार से राम राज्य रथ यात्रा को राज्य में प्रवेश ना देने का किया आग्रह

तिरुनेलवेली में कुछ समूहों द्वारा रथ यात्रा के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किये जाने पर इलाके में धारा 144 लगा दी गई है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 20 Mar 2018 09:13 AM (IST) Updated:Tue, 20 Mar 2018 03:52 PM (IST)
स्टालिन ने तमिलनाडु सरकार से राम राज्य रथ यात्रा को राज्य में प्रवेश ना देने का किया आग्रह
स्टालिन ने तमिलनाडु सरकार से राम राज्य रथ यात्रा को राज्य में प्रवेश ना देने का किया आग्रह

चेन्नई (एएनआई)। द्रविड़ मुनेत्र कज़गम के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार से आग्रह किया है कि राज्य में प्रवेश कर रहे राम राज्य रथ यात्रा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दें। स्टालिन ने कहा, रथ यात्रा राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र में खलल डालेगा और राज्य में शांति व्यवस्था को भंग करेगा।

इसी बीच, तिरुनेलवेली में कुछ समूहों द्वारा रथ यात्रा के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किये जाने पर इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि इलाके में धारा 23 मार्च तक लागू रहेगी। बता दें कि ये यात्रा विश्व हिंदू परिषद के द्वारा आयोजित की गई है।

राम राज्य रथ यात्रा 13 फरवरी को अयोध्या से श्री राम दास मिशन यूनिवर्सल सोसाइटी के द्वारा निकाला गया है। जो तिरुनेलवेली के पुलियाराई में केरल से होते हुए 20 मार्च को पहुंचेगी। यह यात्रा शिवगिरि, वसुदेवनल्लोर, पुलियांगुड़ी होते हुए मदुरई पहुंचेगी।

13 फरवरी को शुरु हुई ये यात्रा 41 दिनों का सफर तय कर रामनवमी के दिन रामेश्वरम में समाप्त होगी। अयोध्या में यात्रा को विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ध्वज दिखा कर रवाना किया था। रामेश्वरम के बाद यात्रा उसी दिन तिरुवनंतपुरम पहुंचेगी। यहां स्थित सुप्रसिद्ध पद्मनाभ मंदिर के सामने रामराज्य सम्मेलन से यात्रा से जुड़ी मांग को बुलंद किया जाएगा। श्रीरामदास मिशन यूनिवर्सल सोसाइटी की ओर से संयोजित रथयात्रा के पांच उद्देश्य हैं।

रामराज्य रथ यात्रा के इरादे


-रामराज्य की संकल्पना को स्थापित करना
-रामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर का निर्माण
-रामायण को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल कराना
-रविवार की जगह गुरुवार को साप्ताहिक अवकाश
-साल में एक दिन विश्व हिंदू दिवस घोषित करना

10 लाख हस्ताक्षर राष्ट्रपति को सौंपेंगे
रथयात्रा के संचालक मंदिर निर्माण की मांग के समर्थन में 10 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर भी एकत्र करेंगे और उसे राष्ट्रपति को सौंपेंगे। रामराज्य यात्रा रवाना करने के लिए कारसेवकपुरम में बड़ी संख्या में भाजपाई, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता एवं संत जुटे। श्रीरामदास मिशन यूनिवर्सल सोसाइटी के महासचिव श्रीशक्ति शांतानंद ने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष रामनवमी के अवसर पर जब वे एक अन्य रामराज्य रथयात्रा के साथ वापस अयोध्या आएंगे तो रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका होगा और उसी दिन रामलला का पट्टाभिषेक किया जाएगा।

संत सम्मेलन में मंदिर निर्माण की हुंकार
रामराज्य को साकार करने एवं मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समाज के संगठन का आह्वान किया गया। संकल्प में सर्वस्व न्योछावर कर रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण, राष्ट्र गौरव में वृद्धि के प्रयास, प्राचीन धरोहर संरक्षित करने, प्रदूषण मुक्ति एवं देश की आध्यात्मिक विरासत संजोने की बात कही गई। 

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