रोडमैप बनाएंगे भारत-चीन

चीन और भारत के बीच बांग्लादेश और म्यांमार को मिलाकर चार देशों के बीच औद्योगिक कॉरीडोर बनाने का मामला अब रफ्तार पकड़ सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस हफ्ते होने वाली आधिकारिक बातचीत में इस औद्योगिक कॉरीडोर की रूपरेखा बनाने पर बातचीत होगी। चीन की पहल के बाद भारत

By Edited By: Publish:Wed, 17 Sep 2014 03:17 AM (IST) Updated:Tue, 16 Sep 2014 09:46 PM (IST)
रोडमैप बनाएंगे भारत-चीन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीन और भारत के बीच बांग्लादेश और म्यांमार को मिलाकर चार देशों के बीच औद्योगिक कॉरीडोर बनाने का मामला अब रफ्तार पकड़ सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस हफ्ते होने वाली आधिकारिक बातचीत में इस औद्योगिक कॉरीडोर की रूपरेखा बनाने पर बातचीत होगी। चीन की पहल के बाद भारत भी शुरुआती झिझक खत्म करते हुए इसे आगे बढ़ाने को तैयार है।

सूत्रों के मुताबिक मोदी व चिनफिंग की बातचीत के बाद चारों देशों के बीच इस कॉरीडोर पर आगे बढ़ने का रास्ता खुल जाएगा। अभी तक बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार के बीच औद्योगिक कॉरीडोर बनाने का प्रस्ताव सुझाव के स्तर पर था। अब यह रफ्तार पकड़ सकता है। चारों देशों के प्रतिनिधियों के बीच दिसंबर, 2013 में पहली बार इस पर बातचीत हुई थी। उसके बाद भारत में नई सरकार के गठन का इंतजार किया जाने लगा था। इस बारे में भारत ने अपने स्तर पर बांग्लादेश और म्यांमार से अलग-अलग बातचीत भी की है। चीन भी अपने स्तर पर इन दोनों देशों के साथ इस औद्योगिक कॉरीडोर को लेकर लगातार संपर्क बनाए हुए है। यही वजह है कि भारत भी अब इस प्रस्ताव को अपने स्तर पर बढ़ावा देने लगा है।

जानकारों का मानना है कि चीन इस प्रस्ताव को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित है। चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग ने पिछले वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ इस बारे में दो बार बात की थी। चिनफिंग इस कॉरीडोर को चीन के पुराने सिल्क रूट से जोड़कर देखते हैं। उनकी इस रूट को फिर से जीवित करने की इच्छा है। इस बारे में वह अन्य देशों से भी लगातार बातचीत कर रहे हैं। भारत हाल तक इसको लेकर उत्साह नहीं दिखा रहा था। लेकिन अब भारतीय पक्ष मानता है कि इस कॉरीडोर को लेकर बहुत हवा-हवाई लक्ष्य बनाने की फिलहाल जरूरत नहीं है। इसकी जगह व्यावहारिक लक्ष्य तय किए जाने चाहिए, जिन्हें समयबद्ध कार्यक्रम के तहत पूरा किया जा सके। बीसीआइएम कॉरीडोर के तहत चारों देशों को बेहतर ढांचागत नेटवर्क से जोड़ा जाना है ताकि इनके बीच व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके।

इस कॉरीडोर के तहत सोच यह है कि पहले कोलकाता-ढाका-यंगून-कुनमिंग के बीच बेहतर सड़क नेटवर्क तैयार किया जाए। इसके बाद इन्हें रेलवे नेटवर्क से भी जोड़ने की योजना है, लेकिन कई चीजों पर अभी सहमति बनानी होगी। मसलन, योजना की लागत को चारों देश किस तरह से आपस में बांटेंगे। वाहनों की सुरक्षा को लेकर होने वाले इंतजाम, शुल्क व कर व्यवस्था और कौन-कौन सी चीजों का आयात-निर्यात किया जाएगा, इसको लेकर सहमति बनानी होगी। मोदी और चिनफिंग के बीच होने वाली बातचीत में इन सभी मुद्दों की जमीन तैयार की जा सकती है।

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