यूक्रेन के सांसदों ने किया जनमत संग्रह से इन्कार

यूक्रेन के सांसदों ने देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए जनमत संग्रह कराने और सत्ता के विकेंद्रीकरण के खिलाफ वोट दिया है। दक्षिण पश्चिम यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों ने जनमत संग्रह कराने की मांग की थी।

By Edited By: Publish:Wed, 07 May 2014 07:16 PM (IST) Updated:Wed, 07 May 2014 07:16 PM (IST)
यूक्रेन के सांसदों ने किया जनमत संग्रह से इन्कार

कीव। यूक्रेन के सांसदों ने देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए जनमत संग्रह कराने और सत्ता के विकेंद्रीकरण के खिलाफ वोट दिया है। दक्षिण पश्चिम यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों ने जनमत संग्रह कराने की मांग की थी।

मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि जनमत संग्रह के पक्ष में 154 मत पड़े। जबकि इस प्रस्ताव के मंजूर होने के लिए 226 मतों की जरूरत थी। दूसरी ओर यूक्रेन में गृह युद्ध की बढ़ती आशंका के बीच रूस ने यूक्रेन को लेकर शांति के नए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। यूक्रेन की सेना रूस समर्थक अलगाववादियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई कर रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और जर्मनी के विदेश मत्री वाल्टर स्टीनमीयर ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में हो रहे संघर्ष से गृह युद्ध प्रारंभ हो सकता है। इस बीच यूक्रेन के सैनिकों द्वारा देश के पूर्वी हिस्से में स्थित मैरिउपोल शहर में सिटी हॉल को फिर से अपने नियंत्रण में लिए जाने की खबर है।

पश्चिमी देश यूक्रेन में 25 मई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को महत्वपूर्ण मानते हैं। मंगलवार को स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति डिडिएर बर्कहाल्टर ने चुनाव के लिए संघर्ष की स्थिति समाप्त करने की अपील की थी। वह 'ऑर्गनाइजेशन फॉर सेक्यूरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप' के अध्यक्ष भी हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री देसचित्सिया ने वियना में उपस्थित अपने 30 समकक्षों से रूस के समर्थन वाली भड़काऊ कार्रवाई समाप्त करने में मदद की अपील की। लेकिन वियना में 'काउंसिल ऑफ यूरोप' की बैठक में मौजूद रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने कहा कि वर्तमान हिंसा के दौर में मतदान कराना विचित्र घटना होगी।

सभी पक्ष छोड़ें हिंसा : भारत

नई दिल्ली। यूक्रेन में बढ़ती हिंसक घटनाओं पर चिंता जताते हुए भारत ने कहा है कि वहां सभी पक्षों को हिंसा छोड़ देनी चाहिए। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि यूक्रेन में सभी संबंधित पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए समस्या का राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए।

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