श्रीलंका में एक ही कब्र में मिले 36 लाशों के अवशेष

श्रीलंका के उत्तरी हिस्से में एक जगह से 36 मानव खोपड़ियां बरामद हुई हैं। इससे इस आशंका को बल मिला है कि इस क्षेत्र में ऐसी कई अन्य सामूहिक कब्र हो सकती हैं। इन कब्रों में लिंट्टे के खिलाफ तीन दशक तक चले युद्ध के अंतिम दौर में लापता हुए लोग दफन हो सकते हैं। सामूहिक कब्र मन्नार के एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर के पा

By Edited By: Publish:Fri, 17 Jan 2014 08:43 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2014 08:44 PM (IST)
श्रीलंका में एक ही कब्र में मिले 36 लाशों के अवशेष

मन्नार। श्रीलंका के उत्तरी हिस्से में एक जगह से 36 मानव खोपड़ियां बरामद हुई हैं। इससे इस आशंका को बल मिला है कि इस क्षेत्र में ऐसी कई अन्य सामूहिक कब्र हो सकती हैं। इन कब्रों में लिंट्टे के खिलाफ तीन दशक तक चले युद्ध के अंतिम दौर में लापता हुए लोग दफन हो सकते हैं।

सामूहिक कब्र मन्नार के एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर के पास मिली है। पुलिस ने हालांकि इस सामूहिक कब्र के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) को ही जिम्मेदार ठहराया है। पांच साल पहले श्रीलंका की सेना ने इसी इलाके में भीषण लड़ाई में लिट्टे को करारी शिकस्त दी थी। इस युद्ध में श्रीलंकाई सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार इसकी निष्पक्ष जांच की मांग हो रही है। अब इस सामूहिक कब्र से श्रीलंका की सरकार पर दबाव बढ़ना तय है। अगर वह इस सामूहिक कब्र के बारे में जांच नहीं करवाती तो उसे पश्चिमी देशों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।

इस सामूहिक कब्र का पता उस वक्त चला, जब मजदूर सड़क किनारे पानी की पाइपलाइन डालने के लिए गड्ढा खोद रहे थे। युद्धग्रस्त इलाके में मिली यह पहली सामूहिक कब्र है, जो 400 वर्ग फीट के दायरे में फैली है और पांच फीट गहरी है। खुदाई की निगरानी करने वाले न्यायिक मेडिकल अफसर धनंजय वैद्यरत्ने ने कहा, 'शवों को कई परतों में दफन किया गया है। दुर्भाग्यवश सड़क निर्माण के कारण पहली परत के शवों के अवशेष नष्ट हो चुके हैं।' उन्होंने बताया कि अब तक 36 नरमुंड बरामद हुए हैं। शवों की पहचान की जानी बाकी है। पुलिस प्रवक्ता अजीत रोहाना ने हालांकि इन शवों को 15 साल पुराना बताया है।

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श्रीलंका की सेना और लिंट्टे के बीच 1983 से शुरू हुई जंग में एक लाख से भी ज्यादा लोगों की जान गई। हजारों लोग लापता हो गए। इनमें से ज्यादातर अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के लोग थे। संयुक्त राष्ट्र के एक आयोग के अनुसार लड़ाई के अंतिम दौर में करीब 40 हजार तमिलों की जान गई। लेकिन, श्रीलंका सरकार इन आंकड़ों को झुठलाती रही है।

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