सिंगापुर एक्सपो में बोले पीेम मोदी, खुद को कोसेंगे तो छवि कैसे सुधरेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में छिड़ी असहिष्णुता की ताजा बहस पर भारतीयों से कहा कि वह विश्व में एकता और अखंडता के मंत्र के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने देश के सम्मान के लिए एकता और सद्भाव को संरक्षित करने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस मुद्दे

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2015 06:17 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2015 08:07 AM (IST)
सिंगापुर एक्सपो में बोले पीेम मोदी, खुद को कोसेंगे तो छवि कैसे सुधरेगी

सिंगापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में छिड़ी असहिष्णुता की ताजा बहस पर भारतीयों से कहा कि वह विश्व में एकता और अखंडता के मंत्र के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने देश के सम्मान के लिए एकता और सद्भाव को संरक्षित करने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस मुद्दे को देश की प्रतिष्ठा के रूप में देखा जाना चाहिए। अगर हम खुद को ही कोसते रहेंगे तो हमारी छवि कैसे सुधरेगी।

सिंगापुर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग अभी तक उनके पिछले ब्रिटेन दौरे के कारण पर सवाल उठा रहे हैं। जबकि इस दौरे का फायदा यह हुआ कि लंदन स्टाक एक्सचेंज में पहली बार भारतीय रुपये में कारोबार शुरू हुआ। मोदी ने विपक्षी दलों की आलोचनाओं के जवाब में कहा कि देश की छवि की खातिर सरकार भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विकास कार्यो पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे लोगों के आंसू पोंछे जा सकेंगे। लोगों को नौकरियां मिलेंगी, किसान समृद्ध होंगे और महिलाओं का सशक्तिकरण होगा।

उन्होंने कहा कि भारत अब भूतकाल की विजय गाथाओं पर ही निर्भर नहीं रह सकता। हमें इनसे प्रेरणा लेकर विकास के जरिए देश का कद बढ़ाना होगा। इससे पहले दुनिया हमें मान्यता नहीं देगी। भारतीयों को एकता और अखंडता का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि वह पूरे विश्व को एक परिवार की तरह देखते हैं। उल्लेखनीय है कि सोमवार को अभिनेता आमिर खान के असहिष्णुता का मुद्दा उठाने के बाद देश में इस विवाद ने फिर तूल पकड़ लिया है।

पर्यावरण परिवर्तन के खिलाफ समस्या नहीं बनेगा भारत

पेरिस में होने वाले पर्यावरण परिवर्तन सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ एकजुट हो रहे विश्व के लिए कोई समस्या नहीं खड़ी करेगा। विकास के लिए भारत को बड़े पैमाने पर ऊर्जा की जरूरत है। लेकिन पर्यावरण परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए जो भी करना पड़े वह करेंगे। सरकार ऊर्जा की खपत को स्वच्छ और परिवर्तनीय विकल्पों से पूरा करने की कोशिश कर रही है। देश में 40 फीसद ऊर्जा नॉन फॉसिल स्रोतों से आएगी। वह ऐसे स्रोत जैसे सूर्य, परमाणु, वायु और बायोमास से देश में 175 गीगावॉट बिजली के लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे।

उन्होंने कहा, 'वर्ष 2022 तक जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, मैं चाहता हूं कि देश के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली पहुंच जाए।..हमें बिजली की आवश्यकता है लेकिन इसके लिए हम विश्व के सामने समस्या नहीं खड़ी करेंगे।' मोदी का यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के उस बयान के जवाब में है जिसमें उन्होंने कहा था कि 30 नवंबर से पेरिस में शुरू होने वाले पर्यावरण सम्मेलन में भारत एक चुनौती बन सकता है। चूंकि वह विकास के नए प्रतिमानों को लेकर सजग है।

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