ओबामा ने मोदी को दी दिवाली की शुभकामना, कहा-इंडो-यूएस संबंध और बने मजबूत

अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि भारत-अमेरिकी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए आगे आने की जरुरत है। ह्वाइट हाउस के मुताबिक नई हॉटलाइन पर ओबामा ने पीएम नरेंद्र मोदी को दीपावली की शुभकामना दी,

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2015 08:33 AM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2015 02:42 PM (IST)
ओबामा ने मोदी को दी दिवाली की शुभकामना, कहा-इंडो-यूएस संबंध और बने मजबूत

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि भारत-अमेरिकी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए आगे आने की जरुरत है। ह्वाइट हाउस के मुताबिक नई हॉटलाइन पर ओबामा ने पीएम नरेंद्र मोदी को दीपावली की शुभकामना दी, और कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए भारत की भूमिका अहम है। ओबामा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और जलवायु परिवर्तन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि एशिया पैसिफिक क्षेत्र और हिन्द महासागर सामरिक रुप से महत्वपूर्ण हैं, दोनों देशों को संयुक्त रूप से इन इलाकों के विकास पर सोचने की जरूरत है।

तुर्की के अंताल्या में जी-20 की प्रस्तावित बैठक में भारत कालाधन, समावेशी विकास, वित्तीय नियमन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में शासकीय सुधार जैसे प्रमुख मुद्दे उठाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 और 16 नवंबर को को अंताल्या में होने वाली बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह, भारत का फोकस कालेधन के प्रकोप को कम करने, कर चोरी तथा अधिक पारदर्शिता लाने पर बना रहेगा। सम्मेलन के दौरान विश्व के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद करेंगी।


मोदी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, जी-20 सम्मेलन के लिए टर्की की यात्रा 14 नवम्बर से शुरू होगी। यह सम्मेलन ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा है जब संयुक्त राष्ट्र में टिकाऊ विकास लक्ष्य एजेंडा को तुरंत लागू किया गया है तथा पेरिस में 30 नवम्बर से एक दिसंबर तक सीओपी-21 में जलवायु परिवर्तन पर विचार-विमर्श बस शुरू ही होने वाला है।


उन्होंने लिखा है, सम्मेलन के दौरान, हम ब्रिस्बेन सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर समीक्षा करेंगे और जलवायु परिवर्तन, शरणार्थियों, वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्त वृद्धि, विकास एवं रोजगार के लिए नीतियां, निवेश रणनीतियां, व्यापार, ऊर्जा एवं वित्तीय क्षेत्र गतिशीलता के मुद्दों को उठाएंगे।

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