जरदारी मामले में स्विट्जरलैंड से नहीं किया संपर्क

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को दोबारा खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने की समय सीमा पूरी होने से ठीक एक दिन पहले सरकार से अदालत को सूचित किया कि कैबिनेट ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। अटार्नी जनरल इरफान कादिर ने सरकार क

By Edited By: Publish:Tue, 24 Jul 2012 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 24 Jul 2012 06:20 PM (IST)
जरदारी मामले में स्विट्जरलैंड से नहीं किया संपर्क

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को दोबारा खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने की समय सीमा पूरी होने से ठीक एक दिन पहले सरकार से अदालत को सूचित किया कि कैबिनेट ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। अटार्नी जनरल इरफान कादिर ने सरकार की ओर से दाखिल जवाब में यह बात कही है।

जज आसिफ सईद खान खोसा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ बुधवार से मामले की सुनवाई करेगी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि सरकार के इस जवाब से न्यायपालिका और सरकार के बीच तनातनी बढ़ेगी।

सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री कैबिनेट के फैसलों का पालन करते हैं। कैबिनेट ने स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के संबंध में उन्हें अभी तक कोई सलाह नहीं दी है। साथ ही कहा कि शीर्ष अदालत के फैसलों पर अमल न करने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही का विकल्प नए अवमानना कानून के साथ समाप्त हो गया है।

सरकार ने शीर्ष अदालत से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। गत 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमों को दोबारा खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए 25 जुलाई तक का समय दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर फैसले पर अमल नहीं हुआ तो प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसी मामले में अदालत ने उनके पूर्ववर्ती यूसुफ रजा गिलानी को अवमानना का दोषी करार देते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया था।

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