अफ्रीका में सामुदायिक रेडियो स्टेशन बचाने के लिए भारतीय एकजुट
दक्षिण अफ्रीका में लोटस एफएम 33 साल पहले शुरू हुआ था और भारतीय समुदाय के बीच यह खासा लोकप्रिय है।
जोहानिसबर्ग, प्रेट्र। दक्षिण अफ्रीका में एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन को बचाने के लिए हजारों भारतीय मूल के लोगों ने हाथ मिलाया है। इस रेडियो पर स्थानीय भाषा के कार्यक्रम दिखाए जाने का फरमान थोपे जाने के बाद से इसके 90 फीसद श्रोता कम हो गए हैं।
दक्षिण अफ्रीका में लोटस एफएम 33 साल पहले शुरू हुआ था और भारतीय समुदाय के बीच यह खासा लोकप्रिय है। इस पर हिंदी, उर्दू, तमिल, पंजाबी, गुजराती और तेलुगु भाषाओं के गाने प्रस्तुत किए जाते थे लेकिन साउथ अफ्रीका ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन (एसएबीसी) ने जून में फरमान जारी करके स्थानीय भाषाओं के कार्यक्रमों के प्रसारण का कोटा लागू कर दिया।
समुदाय के लोगों ने एसएबीसी के कार्यकारी अधिकारी एच मोत्सोनेंग से रेडियो स्टेशन को ज्यादा भारतीय गानों के प्रसारण की अनुमति देने की मांग की है। कोटा व्यवस्था लागू होने के बाद रेडियो स्टेशन को जुलु और जोसा जैसी भाषाओं के गाने प्रस्तुत करने के लिए बाध्य होना पड़ा। हिंदू महासभा के अध्यक्ष अश्विन त्रिकामजी ने कहा कि सरकारी फरमान के चलते रेडियो स्टेशन का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इसके राजस्व में भी भारी गिरावट आई है।
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