एफबीआइ को मिला आइफोन का हैकर, नहीं पड़ेगी एप्पल की मदद की जरूरत

जिस आइफोन में एप्पल सेंधमारी मुश्किल बता रहा था उसमें घुसपैठ करने वाला एफबीआइ को मिल गया है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 22 Mar 2016 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 22 Mar 2016 06:05 PM (IST)
एफबीआइ को मिला आइफोन का हैकर, नहीं पड़ेगी एप्पल की मदद की जरूरत

वाशिंगटन। जिस आइफोन में एप्पल सेंधमारी मुश्किल बता रहा था उसमें घुसपैठ करने वाला एफबीआइ को मिल गया है। हालांकि उस व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं की गई है जिसने आतंकी सैयद रिजवान फारूक का आइफोन अनलॉक करने का तरीका जांच एजेंसी को सुझाया है। एजेंसी अब इस तरीके को आजमाना चाहती है। अमेरिकी अभियोजकों ने सोमवार को कैलिफोर्निया की एक संघीय अदालत को यह जानकारी दी।

अभियोजकों के आग्रह पर अदालत ने एप्पल के खिलाफ मंगलवार की सुनवाई टाल दी। अगली सुनवाई अब पांच अप्रैल को होगी और उस दिन कानून मंत्रालय इस दिशा में हुई प्रगति से अदालत को अवगत कराएगा। यदि यह तरीका कामयाब रहा तो इस मामले में एप्पल के मदद की जरूरत ही समाप्त हो जाएगी।

सरकार के इस रुख पर एप्पल ने हैरानी जताई है। कंपनी ने कहा है कि कानून मंत्रालय हैकिंग के जिस वैकल्पिक तरीके की बात कर रहा है उसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। कंपनी ने इससे ग्राहकों की सुरक्षा और निजता को खतरा पहुंचने का अंदेशा भी जताया है।

ग्राहकों की सुरक्षा और निजता के आधार पर ही एप्पल ने पूर्व में संघीय अदालत का आदेश ठुकराते हुए फारूक का फोन हैक करने से इन्कार कर दिया था। अदालत ने कंपनी से ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप करने को कहा था जिससे फोन अनलॉक किया जा सके। उस समय कंपनी ने कहा था कि किसी खास फोन के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाना संभव नहीं है।

इसके बाद अमेरिका में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई थी। गूगल, फेसबुक जैसी कंपनियों ने एप्पल के रुख का समर्थन किया था। वहीं, खुद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एप्पल की आलोचना करते हुए कहा था कि देश की सुरक्षा से ग्राहकों की निजता ज्यादा जरूरी नहीं है। गौरतलब है किफारूक ने बीते साल दिसंबर में कैलिफोर्निया के सान बर्नार्डिनो में अपनी पत्नी के साथ गोलीबारी कर 14 लोगों की हत्या कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दंपति को भी मार गिराया था।

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