नस्लभेदी अपराधों से भारत और अमेरिका की मैत्री को न तौलें

भारतीय मूल के वरिष्ठ अमेरिकी सांसद अमी बेरा का कहना है भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Thu, 16 Mar 2017 02:30 PM (IST) Updated:Thu, 16 Mar 2017 04:29 PM (IST)
नस्लभेदी अपराधों से भारत और अमेरिका की मैत्री को न तौलें
नस्लभेदी अपराधों से भारत और अमेरिका की मैत्री को न तौलें

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय मूल के वरिष्ठ अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने भारत के साथ अमेरिकी संबंधों पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है, अचानक होने वाले नस्लभेदी अपराधों से अमेरिका और भारत के संबंधों पर सवाल न उठाए जाएं। ये अपराध सड़क पर होने वाले हादसे जैसे हैं, जो अचानक हो जाते हैं और उनमें लोग एक-दूसरे को नस्ल, जाति आदि से संबोधित करते हुए बुरा-भला कहने लगते हैं।

वह अमेरिका-भारत मैत्री परिषद की ओर से आयोजित गोलमेज सम्मेलन में बोल रहे थे। डेमोक्रेटिक पार्टी से तीसरी बार सांसद बेरा ने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अमेरिकी संबंध सरकारों के हिसाब से तय नहीं होते, बल्कि ये लंबे अर्से के लिए बनते हैं।

भारत के साथ अमेरिकी संबंध 21वीं सदी के लिए बनाए जा रहे हैं। हमें ये संबंध अमेरिकी और भारतीय सांसदों के बीच बनाकर चलने हैं, भले ही वे किसी भी दल के हों। बेरा ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। हमने राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच गहरे संबंधों को देखा है। उनके परस्पर सम्मान भाव को महसूस किया है। संबंधों की यही प्रगाढ़ता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बन रही है, इसकी भी खबरें आ रही हैं।

बेरा ने कहा कि घृणास्पद अपराध से दक्षिण एशियाई देशों के मूल निवासी और खासतौर से भारतीय प्रभावित हो रहे हैं, इसको लेकर हमें भी चिंता है। हम नहीं चाहते कि अमेरिका की छवि दुनिया में खराब हो। हम उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे और अपराध में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कार्यक्रम में सांसद रो खन्ना और जॉय डोनेली ने भी विचार रखे।

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