अब चंदा मांग कर नहीं खेलना चाहती निधि

एशिया की सबसे शक्तिशाली महिला का खिताब। कॉमनवेल्थ और एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप सहित अंतररराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पदक तो उन्होंने जीत लिए, लेकिन हुकमरानों का दिल वह नहीं जीत पाईं। जगह-जगह मदद के लिए फरियाद कर चुकी उत्तर प्रदेश की पावरलिफ्टर निधि सिंह ने अब खेल को ही

By ShivamEdited By: Publish:Wed, 07 Oct 2015 08:42 PM (IST) Updated:Wed, 07 Oct 2015 09:01 PM (IST)
अब चंदा मांग कर नहीं खेलना चाहती निधि

(राजीव शर्मा), नई दिल्ली। एशिया की सबसे शक्तिशाली महिला का खिताब। कॉमनवेल्थ और एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप सहित अंतररराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पदक तो उन्होंने जीत लिए, लेकिन हुकमरानों का दिल वह नहीं जीत पाईं। जगह-जगह मदद के लिए फरियाद कर चुकी उत्तर प्रदेश की पावरलिफ्टर निधि सिंह ने अब खेल को ही अलविदा कहने का मन बना लिया है।

भरी आंखों से निधि कहती हैं 'बस अब बहुत हो चुका। चंदा मांग कर अब मुझे नहीं खेलना। शर्म आती है। कब तक लोगों के आगे गिड़गिड़ाऊ।'ओमान से बुधवार को शक्तिशाली एशियाई महिला का खिताब लेकर लौटी मिर्जापुर के पचेवारा गांव की 26 वर्षीय निधि कहती हैं कि मैं फेडरेशन के अधिकारियों और नेताओं के चक्कर लगाकर थक चुकी हूं। मुझे वादों के सिवा कहीं से कोई मदद नहीं मिली। अब खेल को छोड़ने के सिवा कोई चारा नहीं है। नवंबर में कनाडा में होने वाली कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मेरा अंतिम टूर्नामेंट होगा। छह लोगों का परिवार है। पिता गिरजा प्रताप सिंह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिटायर हुए हैं। उन्हें जो पेंशन मिलती है उसी से घर का गुजरा चलता है। सोचा था खेलकर मां-बाप का नाम रोशन करने के साथ पापा का बोझ भी कम करूंगी। पर उन पर ही बोझ बन गई।

- इनाम तो दूर बधाई तक नहीं मिली:

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने पर आज तक मुझे सम्मान और इनाम तो दूर किसी सरकारी अधिकारी, मंत्री और नेता ने बधाई तक नहीं दी। गुरुवार को भी गांव पहुंचने पर सिवा परिजनों और कोच कमलपति त्रिपाठी के मुझे बधाई देने वाला कोई नहीं होगा।

- बरसात में टपकती है छत:

निधि अपने परिजनों के साथ जिस कच्चे घर में रहती हैं उसकी छत से बरसात में पानी टपकता है। स्थानीय विधायक सहित जिले के अधिकारी भी उनके घर आकर यह सब देख चुके हैं। इनसे भी निधि को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।

- चक्की से करती हैं अभ्यास:

कोच कमलपति कहते हैं कि निधि ने छह साल पहले पावरलिफ्टिंग शुरू की थी। गांव में सुविधाएं और संसाधन कम हैं। निधि लोहे की छड़ के दोनों और पत्थर बांधकर (चक्की) उससे अभ्यास करती है।

- शिवपाल से भी लगा चुकी है गुहार:

कोच त्रिपाठी के साथ निधि लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश से मिलने भी गई थी, लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद निधि ने कैबिनेट मंत्री शिवलाल यादव को अपनी दास्तां सुनाई। उन्होंने मदद का आश्वासन दिया, लेकिन वह कोरा वादा ही रहा।

(फोटोः निधि का घर और उनके द्वारा जीते गए पदक)

- निधि की उपलब्धियांः

-2015 : ओमान में अक्टूबर में हुई एशियन बेंच प्रेस में स्वर्ण पदक। एशिया शक्तिशाली महिला का खिताब।

-2015 : हांगकांग में अगस्त में हुई एशियन पावरलिफ्टिंग में कांस्य पदक

-2011 : ताइवान में हुई एशियन बेंच प्रेस में कांस्य पदक

-2011 : इंग्लैंड में हुई कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग में पांच स्वर्ण पदक

-2010 : मनीला में हुई एशियन बेंच प्रेस में रजत पदक

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