पुलवामा हमलाः रोहिताश के शहीद होने की खबर सुनकर पूरा गांव रातभर नहीं सोया

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ के 40 जवानों में जयपुर जिले के अमरसर थाना इलाके के गांव गोविंदपुरा निवासी रोहिताश लाम्बा भी शामिल थे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 03:53 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 03:53 PM (IST)
पुलवामा हमलाः रोहिताश के शहीद होने की खबर सुनकर पूरा गांव रातभर नहीं सोया
पुलवामा हमलाः रोहिताश के शहीद होने की खबर सुनकर पूरा गांव रातभर नहीं सोया

जयपुर, जेएनएन। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ के 40 जवानों में जयपुर जिले के अमरसर थाना इलाके के गांव गोविंदपुरा निवासी रोहिताश लाम्बा भी शामिल थे। साथी जवानी जीतराम गुर्जर व भागीरथ की तरह हाल ही छुटटी बिताकर लौटे थे। सालभर पहले ही इनकी शादी हुई थी।

आतंकी हमले में शहीद हुए जयपुर जिले के गोविंदपुरा बासड़ी गांव का जवान रोहिताश दो माह पहले ही एक बेटे का पिता बना था। बेटे को देखने रोहिताश पिछले माह घर आया था और परिजनों से जल्द ही वापस आने की कह कर गया था, रोहिताश के शहीद होने की सूचना मिलते ही उसकी पत्नी सरस्वती और भाई जितेन्द्र की तबीयत बिगड़ गई। रोहिताश की शहादत की सूचना पर पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। शुक्रवार सुबह गांव में दुकानें बंद रही और हर कोई शहीद के घर की तरफ परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचा। 

रोहिताश लांबा शाहपुरा पंचायत समिति के गांव गोविंदपुरा बांसड़ी के रहने वाले रोहिताश के गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहादत की खूबर सुनकर पूरा गांव शोक में है। श्रीनगर से फोन पर शहादत की खबर सुनकर रोहिताश के भाई जीतेंद्र (जीतू) लांबा की तबीयत बिगड़ गई। परिवार के अन्य लोगों को अभी सूचना नहीं दी गई है, लेकिन गांव के बेटे की शहादत पर गांव पूरी रात जागता रहा। गांव में अलग-अलग जगह लोग अलाव के सामने बैठे रहे और रोहिताश की शहादत, उसकी बहादुरी की चर्चा करते रहे। परिवार के अन्य सदस्यों को फिलहाल सूचना नही दी गई।

छात्र जीवन में भी फौज जैसा अनुशासित था,  रोहिताश लांबा का जन्म 14 जून 1991 को गोविंदपुर बासड़ी गांव में हुआ था। शिक्षा-दीक्षा बिलांदरपुर स्थित श्याम बाल मंदिर में हुई तथा 12वीं तक श्याम बाल मंदिर विद्यालय। चिमनपुरा के सरकारी कॉलेज से - डिग्री प्राप्त की। रोहिताश लांबा का 2011 में सीआरपीएफ में चयन हुआ।

कश्मीर में ही रोहिताश का दोस्त जब शंकरलाल शहीद हो गया था, तब रोहिताश ने उसे श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था- अपने कर्तव्य के पथ पर फिदा वतन के इस सच्चे सपूत की शहादत को नमन...अपनी बटालियन में लोगों से उसकी अच्छी दोस्ती थी। गांव में युवाओं को भी वो लगातार प्रेरित करता रहा था। 5-6 हजार की आबादी वाला रोहिताश गांव उसकी शहादत पर गर्व कर रहा है।

अक्टूबर माह में रोहिताश के छोटे भाई जीतू की बेटी का जन्म हुआ था, तब भी रोहिताश ने प्रिंसेस लिखकर छोटे भाई को फेसबुक पर बधाई दी थी। एक दिन पहले ही उसने जीत से बातचीत की थी।

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने गुरुवार को जवानों के जोश पर हमला किया। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए। यह राज्य में सुरक्षाबलों के काफिले पर सबसे बड़ा कार बम अटैक है। इसे पाक आतंकियों ने तालिबान मॉड्यूल में अंजाम दिया। यह सीआरपीएफ पर पिछले 9 साल में दूसरा सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले अप्रैल 2010 में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए। सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा हमले की साजिश 2 महीने पहले पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी।

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