अनोखी कब्र! फूल नही यहां मारे जाते हैं जूते

आमतौर पर किसी की मरने के बाद उसे श्रद्धांजलि देने के लिए फूल चढ़ाये जाते हैं। लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जिसने अपनी जिंदगी में ऐसी शरारत कर दी कि लोग उसकी कब्र पर फूल नही बल्कि जूते से पिटाई करते हैं। ये है चुगलखोर का मकबरा। यहां आने वाले

By Babita kashyapEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2015 12:24 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2015 12:31 PM (IST)
अनोखी कब्र! फूल नही यहां मारे जाते हैं जूते

आमतौर पर किसी की मरने के बाद उसे श्रद्धांजलि देने के लिए फूल चढ़ाये जाते हैं। लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जिसने अपनी जिंदगी में ऐसी शरारत कर दी कि लोग उसकी कब्र पर फूल नही बल्कि जूते से पिटाई करते हैं।

ये है चुगलखोर का मकबरा। यहां आने वाले लोग न तो फूल चढ़ाते हैं और न ही अगरबत्ती जलाते हैं। यहां मन्नत पूरी करने के लिए कब्र पर जूते मारे जाते हैं।

500 वर्ष पुरानी इस कब्र पर लोग इस तरह कि अनोखी इबादत यात्रा हिफाजत से गुजर जाने के लिए करते हैं। इटावा जिला मुख्यालय से करीब तीन किलोमीटर दूर इटावा-बरेली राजमार्ग पर स्थित है ये मकबरा।

पुरानी मान्यता है कि इटावा के बादशाह ने अटेरी के राजा के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। बाद में इटावा के बादशाह को पता चला कि इस युद्ध के लिए उसका दरबारी भोलू सैय्यद जिम्मेदार था। इससे नाराज बादशाह ने ऐलान किया कि सैय्यद को इस दगाबाजी के लिए तब तक जूतों से पीटा जाए जब तक कि उसका इंतकाल न हो जाए। सैय्यद की मौत के बाद से ही उसकी कब्र पर जूते मारने की परंपरा चली आ रही है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इटावा-बरेली मार्ग पर अपनी तथा परिवार की सुरक्षित यात्रा के लिए सैय्यद की कब्र पर कम से कम 5 जूते मारना जरूरी है। भोलू सैय्यद की कब्र पर जूते-चप्पल मारकर वहां से गुजरने वाले यात्राी सुरक्षित यात्रा के लिए इबादत करते हैं।

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