विश्व हिंदी सम्मेलन 2018: साहित्यकारों के पोस्टरों से पटा सम्मेलन स्थल

साहित्यकारों के पोस्टरों के चयन में विदेश मंत्रालय ने कोई भेदभाव नहीं किया।सरकार का विरोध करनेवाली कृष्णा सोबती से लेकर केदारनाथ सिंह तक के पोस्टर लगाए गए।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Sun, 19 Aug 2018 09:51 AM (IST) Updated:Sun, 19 Aug 2018 10:16 AM (IST)
विश्व हिंदी सम्मेलन 2018: साहित्यकारों के पोस्टरों से पटा सम्मेलन स्थल
विश्व हिंदी सम्मेलन 2018: साहित्यकारों के पोस्टरों से पटा सम्मेलन स्थल

पोर्ट लुई (अनंत विजय)। गोस्वामी तुलसीदास नगर में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में साहित्यकारों के बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रतिभागियों का परिचय करवाने का प्रयास किया गया है। साहित्यकारों के पोस्टरों के चयन में विदेश मंत्रालय ने कोई भेदभाव नहीं किया है और सरकार का विरोध करनेवाली कृष्णा सोबती से लेकर केदारनाथ सिंह तक के पोस्टर लगाए गए हैं।

कृष्णा सोबती ने तो असहिष्णुता के नाम पर मोदी सरकार का जमकर विरोध किया था और दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने व्हील चेयर पर पहुंची थीं। इसके अलावा रामधारी सिंह दिनकर, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, श्रीलाल शुक्ल, अज्ञेय, अमरकांत, निर्मल वर्मा, कुंवर नारायण, नरेश मेहता के बड़े-बड़े कटआउट्स हॉल के प्रवेश द्वार पर ही लगाए गए हैं। दुनिया के कई देशों से मॉरीशस आए प्रतिभागी इन आदमकद पोस्टर में दी गई जानकारी पढ़ते रहे और अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए चर्चा भी करते रहे।

फिजी से आए हिंदी प्रेमी रामसागर ने बताया कि वो अबतक तीन विश्व हिंदी सम्मेलनों में हिस्सा ले चुके हैं, लेकिन मॉरीशस आकर ये लगा कि वो भारत पहुंच गए हैं। इसके अलावा दिनभर वहां पुस्तकों का विमोचन भी होता रहा। भारत से गए हिंदी प्रेमियों में मॉरीशस के साहित्यकारों के प्रति एक अनुराग देखने को मिला। अभिमन्यु अनत और रामदेव धुरंधर की कृतियों को लोग खोजते नजर आए। तमिलनाडु से पहुंचे हिंदी प्रेमी दिनाकरन और उनकी ब्रिटिश पत्नी ने बताया कि वो अभिमन्यु अनत के प्रेम में ही मॉरीशस तक आ पहुंचे हैं। उनकी कृतियों में जिस तरह का शिल्प है, वो उनको बेहद पसंद है।

अभिमन्यु अनत का हाल ही में निधन हो गया था और उनको मॉरीशस का प्रेमचंद भी कहा जाता है। सम्मेलन स्थल पर मॉरीशस के जो लोग पहुंचे थे, उनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के थे और हिंदी और भोजपुरी को लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे थे।

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