फिर वही कहानी, फिर वही हंगामा : हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र का पहला पखवाड़ा

नोटबंदी की भेंट चढ़ चुके संसद के शीतकालीन सत्र में ममता बनर्जी की सुरक्षा और पश्चिम बंगाल में सेना की तैनानी ने भी आग में घी का काम किया है।

By Digpal SinghEdited By: Publish:Mon, 05 Dec 2016 10:32 AM (IST) Updated:Mon, 05 Dec 2016 03:03 PM (IST)
फिर वही कहानी, फिर वही हंगामा : हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र का पहला पखवाड़ा

नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को भी बाधित रही। विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इससे पहले सरकार की ओर से लोकसभा में जारी गतिरोध को खत्म करने की जिम्मेदारी गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई। उन्होंने विपक्ष से चर्चा शुरू करने की अपील की। साथ ही विपक्ष की ओर से नोटबंदी के क्रियान्वयन को लेकर रखे जाने वाले सभी सुझावों पर काम करने की बात कही। लेकिन विपक्ष वोटिंग के साथ बहस की मांग पर अड़ा रहा।

राज्यसभा में सपा सांसद की टिप्पणी पर हंगामा

नोटबंदी के मुद्दे पर राज्यसभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल की टिप्पणी पर जमकर हंगामा हुआ। नरेश अग्रवाल ने सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये लोग भांडगीरी पर उतर आए हैं।

Ye log satta mein baith kar bhaandgiri kar rahe hain: Naresh Agarwaal,SP to treasury benches in RS #DeMonetisation

— ANI (@ANI_news) December 5, 2016

अग्रवाल के इस बयान पर भाजपा सांसदों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने मांग किया कि नरेश अग्रवाल अपने बयान पर माफी मांगें। बाद में स्पीकर ने सपा सांसद के असंसदीय बयान को सदन की कार्यवाही से निकालने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब ये लोग सत्ता पक्ष में थे तो हर बॉल पर हिट विकेट होते थे। लेकिन अब जब विपक्ष में हैं तो नो बॉल करने की आदत बन गई है।

अब नियम 184 पर अड़ा विपक्ष

स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि वोटिंग के बिना बहस कराने का प्रस्ताव आया है। बीजू जनता दल के महताब और टीआरएस के जितेंद्र ने नियम 193 के तहत नोटिस दिया था। यदि इस पर विपक्ष तैयार है तो बहस होती है और संसद में चल रहा गतिरोध समाप्त हो सकता है। लेकिन कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, तृणमूल कांग्रेस के सुद्दीप्त बंदोपाध्याय और मार्कस्वादी कम्युनिस्ट पार्टी के एम करुणाकरण ने स्पीकर से नोटबंदी पर नियम 184 के तहत चर्चा कराने का आग्रह किया। बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही 17 नवंबर से ही लगातार बाधित हो रही है। ऐसे में कई करोड़ रुपए बर्बाद हो चुके हैं।

नोटबंदी पर हंगामा

16 नवंबर को शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र इस बार नोटबंदी की भेंट चढ़ चुका है। 500-1000 रुपये ने नोट बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्ष लगातार सड़क से लेकर संसद तक हंगामा करता रहा है।

इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा और फिर राज्य में सेना की तैनाती के मुद्दे पर भी संसद दो दिन ठप रही। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को भी दोनों सदनों में हंगामा हुआ और दोनों सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में फिर हंगामा होने लगा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद के दोनों सदनों में पहले दिन से ही नोटबंदी को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष लगातार मांग करता आ रहा है कि नोटबंदी के फैसले को वापस ले, जबकि सरकार इस फैसले को देशहित में लिया गया बताकर पीछे हटने को तैयार नहीं है।

पढ़ें : नोटबंदी पर राज्यसभा में एक सुर में बोले विपक्षी सांसद, पीएम दें जवाब

नोटबंदी का मामला छूटा पीछे

इस बीच पिछले गुरुवार और शुक्रवार को संसद में नोटबंदी पर हंगामा कम हुआ, बल्कि हंगामा ममता बनर्जी की सुरक्षा पर केंद्रित हो गया। शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में एकजुट विपक्ष ने पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती के साथ-साथ ममता की सुरक्षा का मुद्दा उठाया।

नोटबंदी से इतर सैन्य अभ्यास पर हंगामा, रक्षामंत्री ने कहा-रुटीन एक्सरसाइज

सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सैन्य अभ्यास होता रहा है। पश्चिम बंगाल पुलिस को भी पहले से जानकारी थी। लेकिन विपक्षी सांसद इस तथ्य को स्वीकार करने के मूड में नजर नहीं आए और हंगामा जारी रहा। निर्बाध हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

लोकसभा में रक्षा मंत्री का बयान

लोकसभा में सैन्य अभ्यास के मुद्दे पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि यह एक रुटीन एक्सरसाइज है। पिछले साल 19 और 21 नवंबर 2015 को पश्चिम बंगाल में सैन्य अभ्यास किया गया था। लेकिन इस बार विपक्ष राजनीति से प्रेरित होकर अनर्गल प्रलाप कर रहा है। नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।

राज्यसभा में सैन्य अभ्यास की गूंज

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये एक अनोखा मामला है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ठीक है, लिहाजा सेना तैनाती का सवाल ही नहीं उठता। जहां तक उन्हें जानकारी है, सेना टोल इकट्ठा नहीं करती है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि ये सेना से जुड़ा हुआ मामला है। लेकिन हमें महत्वपूर्ण मामलों से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार को विश्वास में लिया गया था। सैन्य अभ्यास पिछले साल भी हुआ था। सेना को किसी तरह के विवाद में घसीटना सही नहीं है।

नोटबंदी मुद्दे पर अरुण जेटली और शरद यादव के बीच राज्यसभा में छींटाकशी

रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि पिछले साल भी ठीक उसी जगह पर सैन्य अभ्यास किया गया था। टीएमसी की तरफ से इस मुद्दे पर जानबूझकर राजनीति की जा रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ ज्यादती की जा रही है। सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। भारतीय संविधान पर ये एक बड़ा हमला है।

लोकसभा में ममता की सुरक्षा को लेकर बवाल

राज्यसभा की तरह ही लोकसभा में भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया। शीतकालीन सत्र में संभवत: पहली बार लोकसभा में नोटबंदी की बजाय किसी और मुद्दे पर हंगामा हुआ। दरअसल लोकसभा में गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा। टीएमसी सांसदों ने कहा कि ममता बनर्जी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। सरकार की सफाई से असंतुष्ट टीएमसी ने हंगामा जारी रखा, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही भी शुक्रवार तक के लिए स्थगित की गई थी।

देश से माफी मांगें प्रधानमंत्री

विपक्ष नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम मोदी से माफी की मांग कर रहा है। मोदी द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नोटबंदी का विरोध सिर्फ इसलिए किया जा रहा है कि उन्हें टाइम नहीं दिया गया। इसी बयान को लेकर विपक्ष पीएम मोदी से माफी की मांग कर रहा है। उधर लोकसभा में नोटबंदी पर किस नियम के तहत चर्चा हो इस पर गतिरोध के चलते सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है।

लालू यादव ने ट्वीट कर पीएम से कहा - मेरे सवालों का जवाब दो....

chat bot
आपका साथी