आखिर भाजपा सांसदों पर क्यों नाराज हुए पीएम मोदी, ये है वजह
गौरतलब है कि पिछले एक डेढ़ साल में तीसरी या चौथी बार प्रधानमंत्री को यह याद दिलाना पड़ा है कि सांसद अपना कर्तव्य समझें।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । संसद का कामकाज भूल व्यक्तिगत रुचि में लगे रहने वाले भाजपा सांसदों के लिए यह आखिरी चेतावनी जैसा हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि सत्र के वक्त वह किसी भी सांसद को कभी भी बुला सकते हैं। कुछ नाराज लहजे में उन्होंने यह भी याद दिला दिया कि सदन में मौजूदगी सांसदों का कर्तव्य है और इसके लिए आग्रह करने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले एक डेढ़ साल में तीसरी या चौथी बार प्रधानमंत्री को यह याद दिलाना पड़ा है कि सांसद अपना कर्तव्य समझें। मंगलवार की सुबह संसदीय दल की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने सांसदों की गैर मौजूदगी का संदर्भ रखा था। दरअसल ऐसी घटना लगातार हो रही है कोरम के भाव में दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार देर से शुरू होती है। प्रधानमंत्री खड़े हुए तो उन्होंने बिना लाग लपेट के सांसदों से कहा- 'मैं कई काम कर सकता हूं लेकिन आपके बदले सदन में मौजूद तो नहीं हो सकता हूं।' सूत्रों के अनुसार उन्होंने चेता दिया कि वह कभी भी किसी सांसद को बुला सकते हैं। एक सांसद का मानना था कि यह अंतिम चेतावनी की तरह था।
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बताते हैं कि बैठक में एक संघ पदाधिकारी का भी हवाला आया जिन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भाजपा का विस्तार तो चारो ओर हो गया है लेकिन वह इतने व्यस्त हैं कि शाखाओं में नहीं होते हैं। मोदी ने यह याद दिलाया कि सांसदों का मुख्य काम सदन में है। इसे नजरअंदाज करना सही नहीं होगा। ध्यान रहे कि इस बाबत कई सांसदों का रिकार्ड खराब रहा है। वस्तुत: पार्टी कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार और खुद प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए कामों को समयसीमा में पूरा करने के मामले में भी कई स्तरों से शिकायतें आती रही है।