केंद्र सरकार ने राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राम मंदिर जरुर बनना चाहिए, ऐसा भाजपा का मानना है। हालांकि सामाजिक समरसता का ताना बाना न बिगड़े इसका भी ख्याल रखना होगा।
नई दिल्ली(जेएनएन)। राम मंदिर मुद्दे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मध्यस्थता की पहल का केंद्र सरकार की ओर से स्वागत किया गया है। केंद्र में कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आगे बढ़कर जो पहल की है। वह एक स्वागत योग्य फैसला है।
मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के मुताबिक राम मंदिर मामले के बारे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जानकारी दी गयी है। स्वामी के मुताबिक मस्जिद एक नमाज की जगह होती है। उसे कहीं भी सरयू के पार बनाया जा सकता है। जबकि राम जहां पैदा हुए उस जगह को नहीं बदला जा सकता है। ऐसे में उस जगह को राम मंदिर के लिए दे देना चाहिए।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राम मंदिर जरुर बनना चाहिए, ऐसा भाजपा का मानना है। हालांकि सामाजिक समरसता का ताना बाना न बिगड़े इसका भी ख्याल रखना होगा। वहीं विनय कटियार की ओर से कहा गया कि मुझे लगता है कि समस्या का समाधान होगा। बातचीत को तेजी के साथ आगे ले जाना चाहिए। दोनों जगह भाजपा की सरकार है। ऐसे में सभी पक्षों से बातचीत करके मामले का जल्द समाधान निकाला जाएगा।
नलिन कोहली के मुताबिक राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला बातचीत से हल हो सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मुताबिक कोर्ट के आधार पर या फिर आपसी बातचीत से मसले का हल जल्द निकलना चाहिए। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि कोर्ट का फैसला पक्ष में नहीं आने के बावजूद राम मंदिर वहीं बनेगा।
फिरंगी महल मौलाना खालिद रशीद के मुताबिक चीफ जस्टिस साहब ने जो सुझाव दिया है। उसका हम सब सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि मामले के बारे में उलेमाओं से बातचीत करके आगे कोई कदम उठाया जाएगा। राम मंदिर मामले पर ओवैसी की ओर से टिप्पणी की गयी कि मुझे उम्मीद है कि कोर्ट वर्ष 1992 से लंबित उस याचिका पर भी गौर करेगा। जिसमें बाबरी मस्जिद गिरायी गयी थी। मस्जिद कमेटी के संयोजक जफरयार जिलानी के मुताबिक कोर्ट के बाहर समझौता संभव नहीं है। इससे पहले भी कोर्ट के बाहर मामले के समझौते की कई कोशिशे हुयी थी, लेकिन सभी नाकामयाब रही।
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