गेहूं कटाई पर कोई पाबंदी नहीं, मौसम के कारण फसल के पकने में हो रही देरी
मौसम के कारण गेहूं की फसल के पकने में देरी हो रही है इसलिए कटाई नहीं हो पा रही है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल की कटाई के लिए कोई पाबंदी नहीं है। पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद सभी राज्यों में इसकी छूट है। किसानों को उनके गेहूं की फसल की कटाई के लिए कई राज्य सरकारों ने मदद की पेशकश भी की है। इसके लिए कंबाइनर हारवेस्टर समेत कई अन्य तरह की मशीनें मुहैया कराए जा रहे हैं। किसानों को उनके खेतों व खलिहानों से तैयार अनाज को घर में रखने यानी भंडारण करने के लिए भी मदद दी जाएगी। इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम की वजह से इस बार गेहूं की कटाई 15 अप्रैल के बाद ही शुरु हो सकेगी।
देश में इस बार गेहूं की पैदावार बहुत अधिक होने का अनुमान है, जो अब तक का सर्वाधिक कहा जा रहा है। कृषि मंत्रालय के जारी एडवांस एस्टीमेट के मुताबिक चालू रबी सीजन में 10.70 करोड़ टन से भी अधिक गेहूं के उत्पादन की संभावना है। गेहूं की खेती करने वाले प्रमुख बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा हैं। रबी सीजन में इस बार गेहूं की बोआई इस बार बारिश व अन्य कई कारणों से सभी राज्यों में देर से हुई है। इसके चलते गेहूं की कटाई में भी देरी हो रही है।
पंजाब व हरियाणा में नहीं पकी फसल
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ व्हीट एंड बार्ले रिसर्च के निदेशक डॉक्टर जीपी सिंह का कहना है कि इस रबी सीजन में रिकार्ड गेहूं का उत्पादन होने वाला है। मौसम ने साथ दिया है। मार्च के दौरान जहां तापमान बढ़ जाया करता था, उसकी इस समय रात का तापमान बहुत नीचे जा रहा है। इसके चलते गेहूं के दानों को पकने में समय लगेगा और दाने मोटे होंगे। डॉक्टर सिंह का अनुमान है पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई 15 से 20 अप्रैल के बाद ही संभव हो पाएगी। कोरोना के लाकडाउन का गेहूं की खेती अथवा किसानों पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने वाला है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई सामान्य तौर पर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में होती है।
यहां लाकडाउन से पहले ही कट गई फसल
मध्य प्रदेश और गुजरात में गेहूं की कटाई फरवरी के आखिरी सप्ताह से लेकर मार्च के पहले सप्ताह में ही समाप्त हो जाती है। वहां कटाई हो चुकी है। डॉक्टर सिंह का अनुमान है कि देश में गेहूं की कटाई का 80 फीसद से अधिक मशीनों से होती है। मजदूरों की कमी और खराब मौसम की मार से बचने के लिए किसान अपने खेतों पर गेहूं की कटाई सीधे मशीनों कंबाइनर हारवेस्टर से ही कराना पसंद करते हैं। अब तो सरसों और चना की कटाई भी मशीनें करने लगी हैं।
कटाई करने वालों को मदद
हरियाणा में सरकार ने तो गेहूं किसानों के लिए विशेष योजना चालू की है, जिसके तहत लाकडाउन के दौरान गेहूं की कटाई करने वाले किसानों को मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। तैयार गेहूं को अपने घर में 20 अप्रैल तक भंडारण करने वाले किसानों को राज्य सरकार प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देगी। पंजाब व हरियाणा में सामान्य तौर पर गेहूं की सरकारी खरीद बैसाखी के बाद ही तेजी पकड़ती है, जो इस बार और आगे बढ़ सकती है।