पश्चिम बंगाल के 12 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित

सरकार ने पश्चिम बंगाल के 12 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य सचिवालय में इसकी घोषणा की। वह बाढ़ग्रस्त पश्चिम बंगाल के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगने 11 अगस्त को दिल्ली जाएंगी।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2015 08:24 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2015 08:29 PM (IST)
पश्चिम बंगाल के 12 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित

कोलकाता। सरकार ने पश्चिम बंगाल के 12 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य सचिवालय में इसकी घोषणा की। वह बाढ़ग्रस्त पश्चिम बंगाल के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगने 11 अगस्त को दिल्ली जाएंगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बाबत मुलाकात का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र सरकार को फंड देना होगा। यह बंगाल का अधिकार है। मुख्यमंत्री के मुताबिक बारिश व बाढ़ से राज्य भर में अब तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है।

ममता ने प्रधानमंत्री से दामोदर वैली

कॉरपोरेशन (डीवीसी) की शिकायत करने की बात कहते हुए कहा है कि राज्य को बिना सूचित किए डीवीसी विभिन्न बैराज से बार-बार पानी छोड़ रहा है। इससे राज्य के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय बिजली राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल को एसएमएस कर डीवीसी की शिकायत की है। एसएमएस में उन्होंने लिखा है कि पश्चिम बंगाल में आई बाढ़ के लिए डीवीसी जिम्मेदार है। डीवीसी द्वारा बार-बार अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण ही राज्य में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री का जवाब भी दिखाया, जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया कि अब डीवीसी पानी नहीं छोड़ेगा। ममता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को 18 अगस्त तक बारिश व बाढ़ से हुई क्षति पर रिपोर्ट तैयार कर राज्य प्रशासन को सौंपने का निर्देश दिया गया है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर लोगों की मदद की जाएगी।

कोमेन से 36 लाख लोग प्रभावित

चक्रवाती तूफान कोमेन से पश्चिम बंगाल के 12 जिलों में 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं 3.6 लाख लोग 2 हजार 213 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक बारिश व बाढ़ से राज्यभर में 56 हजार मकान पूरी तरह और 2 लाख 72 हजार 488 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि पांच लाख 18 हजार 173 हेक्टेयर कृषि जमीन पर फसल बर्बाद हो गई है।

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