क्या गजेंद्र को पेड़ पर चढ़ने के लिए उकसाया गया था?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान किसान की आत्महत्या के मामले में पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या पार्टी कार्यकर्ताओं ने गजेंद्र सिंह को पेड़ पर चढ़ने के लिए उकसाया था? शुरुआती जांच के बाद पुलिस का मानना है कि गजेंद्र आत्महत्या करने के

By manoj yadavEdited By: Publish:Thu, 23 Apr 2015 07:58 AM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2015 08:02 AM (IST)
क्या गजेंद्र को पेड़ पर चढ़ने के लिए उकसाया गया था?

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान किसान की आत्महत्या के मामले में पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या पार्टी कार्यकर्ताओं ने गजेंद्र सिंह को पेड़ पर चढ़ने के लिए उकसाया था? शुरुआती जांच के बाद पुलिस का मानना है कि गजेंद्र आत्महत्या करने के लिए पेड़ पर नहीं चढ़े थे और जो कुछ हुआ वह दुर्घटनावश था।

मालूम हो, जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (आप) की किसान रैली के दौरान बारिश और ओले से बर्बाद हुए राजस्थान के एक किसान गजेंद्र सिंह (41) ने रैली के दौरान मंच के सामने पेड़ पर चढ़कर फांसी लगा ली थी और मंच पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेता उसे देखते रहे।

दुखद यह है कि किसान की आत्महत्या के बाद भी रैली जारी रही, नेता भाषण देते रहे। केजरीवाल भी भाषण के दौरान किसानों से वादे करते रहे, लेकिन गजेंद्र को बचाने के लिए खुद अपना कदम आगे नहीं बढ़ाया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, भाजपा ने केजरीवाल पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है।

राजस्थान के दौसा का रहने वाला गजेंद्र किसान रैली में शामिल होने आया था। केजरीवाल गजेंद्र को अस्पताल में देखने गए, लेकिन जाने वाला तो जा चुका था। इस पूरी घटना ने पुलिसिया सिस्टम पर भी सवाल खड़े किए हैं। मंच से आप नेताओं द्वारा बार-बार आवाज देने और खरी-खोटी सुनाने के बाद भी कोई सिपाही भी गजेंद्र को बचाने नहीं गया। आप के कार्यकताओं ने गजेंद्र को पेड़ से उतारा। किसान ने सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण फसल बर्बाद होना बताया है। यह भी लिखा कि पिता ने उसे घर से बाहर निकाल दिया है।

राजनीति में भी सक्रिय था

गजेंद्र सिंह राजनीति में भी दिलचस्पी रखता था। वह भाजपा, कांग्रेस और सपा में सक्रिय रहा। पहले भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहा, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर सपा से बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। सपा में भी वह अधिक दिन नहीं रह सका और पिछले दिनों ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुआ था।

संपन्न परिवार से था गजेंद्र: प्रशासन

वहीं, दौसा प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि गजेंद्र सिंह संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था। उनके पास कई फार्म हाउस हैं। फसल बर्बाद होने की वजह से उसने जान नहीं दी है। हालांकि किसान के घरवालों का यही कहना है कि गजेंद्र ने फसल बर्बाद होने के चलते खुदकुशी की है।

पढ़ेंः'आप' की रैली में किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

पढ़ेंः'आप' की रैली में किसान की मौत पर नेताओं के बेतुके बोल

chat bot
आपका साथी