तय तारीख पर ही पेश होगा बजट: मुख्तार अब्बास नकवी

आम बजट पेश करने की तारीख में बदलाव के लिए विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि बजट तय समय पर पेश किया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 05 Jan 2017 08:38 AM (IST) Updated:Thu, 05 Jan 2017 01:24 PM (IST)
तय तारीख पर ही पेश होगा बजट: मुख्तार अब्बास नकवी
केंद्रीय मंत्री, मुख्तार अब्बास नकवी (तस्वीर सौजन्य-एएनआई)

नई दिल्ली,जेएनएन। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा के चुनावो की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों में नफा-नुकसान के आंकलन का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में विपक्षी दलों की ओर से मतदान पूर्व बजट सत्र का विरोध किया जा रहा है। जिसके तहत तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जेडीयू और आरएलडी के नेताओं का एक दल चुनाव आयुक्त से मिलने पहुंचे। इन नेताओं ने सरकार की ओर से यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनावों से ठीक पहले बजट सत्र की तारीख में बदलाव करने की मांग की। विपक्ष की मांग को सिरे से नकारते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने साफ कर दिया कि बजट की तारीखों में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि बजट तय समय यानि एक फरवरी को ही पेश होगा। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मिलकर 8 मार्च के बाद बजट पेश करने की मांग की है।

There is no scope for a change, the budget will be announced on 1 February: Union Minister MA Naqvi pic.twitter.com/bk9giXYhKp

— ANI (@ANI_news) January 5, 2017

संजय राउत ने भी की तारीखों में बदलाव की मांग

इससे पहले विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति का दरवाजा भी खटखटा चुका है। विपक्ष का आरोप है कि बजट सत्र में केंद्र सरकार लोक-लुभावना बजट पेश चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करेगी। शिवसेना की ओर से संजय राउत ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी बजट के जरिए लोगों को प्रभावित करेगी। जिससे निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकेंगे। ऐसे में मतदान पूर्व बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए। वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 31 मार्च तक कभी भी बजट पेश किया जा सकता है। सरकार को 8 मार्च को चुनाव खत्म होने के बाद बजट पेश करना चाहिए। निष्पक्ष चुनाव के लिए ये जरूरी है।

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31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा बजट सत्र

गौरतलब है कि इस वर्ष संसद का बजट सत्र समय से पहले बुलाया गया है। जिसे विपक्ष सरकार की एक चुनावी रणनीति करार दे रहे हैं। हालांकि बजट सत्र का ऐलान चुनाव तारीखों की घोषणा के पहले किया जा चुका था। आम तौर पर फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश किया जाता था। लेकिन इस बार बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। जबिक बजट सत्र 31 जनवरी से शुरु होगा जो कि 9 फरवरी तक चलेगा। कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स की बैठक में यह फैसला लिया गया।

'बजट से इतने डरे हुए क्यों हैं'

विपक्ष के इस विरोध को लेकर जेटली ने कहा था कि वो बजट से इतने डरे हुए क्यों हैं जब वो कहते हैं कि नोटबंदी इतना लोकप्रिय फैसला नहीं है। जेटली ने कहा, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंतरिम बजट पेश किया जाता है। किसी ने उसे नहीं रोका। यहां तक कि 2014 में बजट आम चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले पेश किया गया। यह संवैधानिक आवश्यकता है।

केंद्रीय संसदीय कमेटी की बैठक में लिया गया था फैसला

बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय संसदीय कमेटी की बैठक में आम बजट 1 फरवरी को पेश करने का प्रस्ताव आया था। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है लेकिन 4 फरवरी से पांच राज्यों होने वाले मतदान को देखते हुए विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया है।

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