कोरोना वैक्सीन से नपुंसक या बांझपन होने का खतरा है? स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दिया इस सवाल का जवाब

शरारती तत्‍व देश में 16 जनवरी से शुरू होने जा रहे टीकाकरण के महाभियान को चोट न पहुंचाएं इसको लेकर सरकार की कोशिशें जारी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने टीकाकरण से जुड़े भ्रमों को दूर करने की कोशिश की। जानें उन्‍होंने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 07:03 AM (IST)
कोरोना वैक्सीन से नपुंसक या बांझपन होने का खतरा है? स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दिया इस सवाल का जवाब
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने टीकाकरण से जुड़े भ्रमों को दूर करने की कोशिश की।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कोरोना के खिलाफ निर्णायक युद्ध के शंखनाद में बस दो दिन बाकी हैं। शरारती तत्‍व इस महाभियान को चोट न पहुंचाएं इसको लेकर सरकार की कोशिशें जारी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी गुरुवार को ट्वीट कर टीकाकरण से जुड़े भ्रमों को दूर करने की कोशिश की। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना का टीका लेने के बाद आए हल्के बुखार को कोरोना का लक्षण नहीं समझना चाहिए।

There is no scientific evidence to suggest that #COVIDVaccine could cause infertility in either men or women. Kindly do not pay heed to such rumours or information from unverified sources.#StayInformedStaySafe @PMOIndia @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/6ii2EFgpB0— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 14, 2021

हल्‍के बुखार से घबराने की जरूरत नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स को लेकर भी अपने सिलसिलेवार ट्वीट में जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसा कि अन्य टीकों को लगाए जाने के बाद होता है... इस वैक्‍सीन को दिए जाने के बाद कुछ लोगों को हल्‍का बुखार और इंजेक्शन के स्थान पर दर्द, शरीर में दर्द हो सकता है। इनसे घबराने की जरूरत नहीं है... ये दुष्प्रभाव अस्थायी हैं जो कुछ समय बाद स्‍वत: चले जाएंगे।

बांझपन की बातें कोरी अफवाह

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कोविड वैक्सीन से बांझपन जैसी भ्रांति को लेकर भी जागरूक किया। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह एक भ्रांति है। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोरोना का टीका पुरुषों या महिलाओं में बांझपन की वजह बन सकता है। केंद्रीय मंत्री ने लोगों से गुजारिश की कि कोरोना के बारे में सही जानकारी के लिए सरकार के आधिकारिक माध्यमों पर ही भरोसा करें। अफवाहों पर ध्‍यान नहीं दें...

After being administered #COVID19Vaccine, some individuals may have side effects like mild fever, pain at injection site & bodyache. This is similar to the side effects that occur post some other vaccines.

These are expected to go away on their own after some time. #StaySafe pic.twitter.com/VCnJzXu70S— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 14, 2021

पीएम मोदी भी कर चुके हैं आगाह

सनद रहे बीते दिनों मुख्‍यमंत्रियों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अफवाहों और शरारती तत्‍वों से सावधान रहने की अपील की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि राज्‍य के मुख्यमंत्रियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टीकाकरण को लेकर शरारती तत्‍वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को हवा नहीं मिलने पाए। देश और दुनिया के अनेक स्वार्थी तत्व हमारे अभियान में रुकावट डालेंगे। ऐसी हर कोशिश को हमें मिलकर नाकाम करना होगा।

पहले चरण में इन्‍हें दी जाएगी वैक्‍सीन

आधिकारिक बयान के मुताबिक, 16 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन कर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी। उनके बाद 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा। फिर 50 साल से कम उम्र और बीमारियों से ग्रस्त लोगों का नंबर आएगा। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन कर्मियों को टीका लगाने का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

अभियान का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी

टीकाकरण अभियान का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 16 जनवरी से एक साथ शुरू होने वाले इस अभियान के लिए दोनों वैक्सीन देशभर में पहुंचाने का काम गुरुवार को तत्परता से जारी रहा। पहले दिन देश भर में कुल 3006 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा। एक केंद्र में एक सत्र में लगभग 100 लोगों का ही टीकाकरण होगा। टीकाकरण अभियान पर नजर रखने के लिए सरकार ने को-विन प्लेटफार्म विकसित किया है।  

आत्मनिर्भर भारत पैकेज देगा मजबूती 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को यह भी कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से व्यापक रोजगार सृजित होंगे। स्वराज्य पत्रिका द्वारा वेदांता लिमिटेड के सहयोग से आयोजित 'इंडिया एज ए हेल्थ हब' नामक कार्यक्रम में एक सत्र को संबोधित करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 60,000 करोड़ रुपये का 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में मजबूती लाएगा। 

पीपीई किट, मास्क के निर्माण में भारत सक्षम 

कोविड-19 महामारी के दौरान आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उन्होंने कहा कि भारत ने लाकडाउन के समय का इस्तेमाल स्वास्थ्य अवसरंचना को मजबूत करने, स्वास्थ्य कर्मियों में क्षमता निर्माण तथा देश में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किया। उन्होंने कहा, 'आज हम स्वदेशी पीपीई किट, मास्क इत्यादि के निर्माण में खुद सक्षम हैं।'

सीएसआइआर के नए संस्थान की रखी आधारशिला

हर्षवर्धन ने सीएसआइआर- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पालिसी रिसर्च की आधारशिला रखी। इस संस्थान की स्थापना सीएसआइआर- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ साइंस कम्युनिकेशन एंड इंफोरमेशन रिसोर्सेज और सीएसआइआर- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ साइंस, टेक्नोलाजी एंड डेवलेपमेंट स्टडीज को मिलाकर की जा रही है। इस कदम का मकसद साइंस कम्युनिकेशन को और मजबूत बनाना है।

इनोवेशन पोर्टल किया राष्ट्र को समर्पित

हर्षवर्धन ने नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआइएफ) द्वारा विकसित इनोवेशन पोर्टल देश को समर्पित किया। एनआइएफ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्तशासी निकाय है। इस मौके पर हर्षवर्धन ने कहा कि इस पोर्टल के जरिये स्थानीय समस्याओं का समाधान निकालने में आम लोगों के नए विचारों को संस्थागत रूप देने में मदद मिलेगी।

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