शिक्षकों की मांग के आगे झुका यूजीसी

यूजीसी ने शिक्षकों के आगे हार मान ली है। यूजीसी ने एपीआइ के निर्धारण का बदला स्वरूप वापस ले लिया है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Thu, 16 Jun 2016 01:27 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jun 2016 02:24 AM (IST)
शिक्षकों की मांग के आगे झुका यूजीसी

नई दिल्ली, (पीटीआई)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षकों के विरोध के आगे घुटने टेकते हुए अकादमिक परफार्मेस इंडेक्स (एपीआइ) के निर्धारण का बदला स्वरूप वापस ले लिया है। उसने शिक्षकों के काम के घंटों का बंटवारा बहाल किया है।

उच्च शिक्षा सचिव वीएस ओबेराय ने बुधवार को बताया कि एसिस्टेंट प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों और प्रोफेसरों को क्रमश: 16,14 और 14 घंटे प्रति सप्ताह छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभानी होगी। ऐसा यूजीसी के मानकों में आवश्यक संशोधन करके किया गया था। यूजीसी के सदस्य ओबेराय ने आश्वासन दिया कि काम के घंटों में कमी पर शिक्षकों की छंटनी नहीं होगी।

बतौर एड-हॉक काम करने वाले लेक्चरर पर भी काम का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी यूजीसी की इन सिफारिशों को मंजूर करने का फैसला लिया है। यूजीसी की एक बैठक में आज ही इस फैसले को मंजूरी मिली है। यूजीसी के चेयरमैन वेदप्रकाश और सचिव जयपाल एस. संधू भी बैठक में मौजूद थे। छात्रों को कक्षाओं में पढ़ाने के घंटों में लेक्चर और प्रोजेक्ट सुपरविजन के अलावा टुटोरियल, फील्ड वर्क भी शामिल होगा। प्रोफेसरों के मेंटर बनने को भी डायरेक्ट टीचिंग स्कोर में शामिल किया जाएगा।

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