स्कूली बच्चों की पढ़ाई में मददगार बनेंगे खिलौने, शतरंज जैसे खेलों को मिलेगी पूरी तवज्जो, तैयारी तेज

स्कूली शिक्षा को रुचिकर बनाने के साथ बच्चों में सोच आधारित क्षमता का विकास करने के लिए अब खिलौनों की मदद ली जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक पूरी योजना तैयार की है। जो स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में अब देखने को मिलेगी।

By Amit SinghEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 09:13 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 11:05 PM (IST)
स्कूली बच्चों की पढ़ाई में मददगार बनेंगे खिलौने, शतरंज जैसे खेलों को मिलेगी पूरी तवज्जो, तैयारी तेज
खिलौने पढ़ाई में बच्चों के मददगार बनेंगे (जागरण.काम, फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा को रुचिकर बनाने के साथ बच्चों में सोच आधारित क्षमता का विकास करने के लिए अब खिलौनों की मदद ली जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक पूरी योजना तैयार की है। जो स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में अब देखने को मिलेगी। इसके तहत ऐसे सभी प्रमुख विषयों को खिलौना आधारित सीखने की कला से जोड़ा जा रहा है, जो अब तक बच्चों के लिए अरुचिकर रहती है या फिर उसकी पढ़ाई में वह अमूमन कमजोर रहते है।

खिलौना आधारित शिक्षा को तवज्जो

शिक्षा मंत्रालय ने अपनी इस योजना का खुलासा गुरुवार को खिलौना आधारित शिक्षा देने को लेकर आयोजित किए गए एक वेबिनार में किया। साथ ही बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जा रहे स्कूली शिक्षा के नए ढांचे में प्रत्येक स्तर पर इसे प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है। नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) तैयार कर रही कमेटी को ऐसे विषयवस्तु को चिंहित करके उसमें खिलौना आधारित सीख को जोड़ने के निर्देश दिए गए है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. राजकुमार रंजन सिंह ने इस मौके पर वेबिनार को संबोधित किया और कहा कि खिलौने की मदद से किसी भी कठिन विषय को आसानी से सीखा जा सकता है। इस कदम न सिर्फ बच्चों के बौद्धिक विकास में मदद मिलेगी, बल्कि बच्चों में खिलौनों को लेकर फिर से रुझान भी बढ़ेगा।

पूरे विश्व से जुटाई गई जानकारी

वेबिनार को शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने भी संबोधित किया और बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के बाद मंत्रालय कैसे स्कूली पाठ्यक्रम में खिलौनों को शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ी है। इसके लिए दुनिया भर की जानकारियां जुटाई गई है। गौरतलब है कि स्कूलों में खिलौना आधारित शिक्षा देने की यह मुहिम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद जोर पकड़ी है। जिसमें बच्चों को तनाव मुक्त रखने के लिए खिलौनें और पहेलियों जैसे पुरानी पद्धतियों की मदद से पढ़ाने की सिफारिश की गई है।

chat bot
आपका साथी