कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप का कोई प्रस्ताव नहीं
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने भले ही विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में टाउनशिप बनाने का दावा कर रहे हों, लेकिन केंद्र सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि केंद्र के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने भले ही विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में टाउनशिप बनाने का दावा कर रहे हों, लेकिन केंद्र सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि केंद्र के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
इसके साथ ही सरकार ने उन खबरों का पटाक्षेप करने की कोशिश की, जिनमें कहा गया था कि सरकार ने घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए समग्र टाउनशिप निर्माण की योजना बनाई है। अलगाववादी संगठनों के साथ जम्मू-कश्मीर के विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने ऐसी किसी टाउनशिप के निर्माण का विरोध किया था।
दरअसल, नौ सांसदों ने सवाल पूछा था कि क्या कश्मीरी पंडितों के लिए किसी विशेष जोन के निर्माण का प्रस्ताव विचाराधीन है। जवाब में गृह राज्यमंत्री हरीभाई पार्थीभाई चौधरी ने सदन को बताया, 'विशिष्ट जोन के निर्माण का, विशेषकर जम्मू-कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।'
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कश्मीरी पंडितों के पुनरुद्धार को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में चौधरी ने बताया कि एक मई से 1,650 से 2,550 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से कश्मीरी विस्थापितों को राहत राशि दी जा रही है, जबकि परिवार के मामले में यह राशि 6,600 से 10,000 रुपये (प्रति परिवार) है। वर्तमान में पंजीकृत कश्मीरी विस्थापितों की संख्या 62,000 है। इनमें अधिकतर कश्मीरी पंडित, सिख और कुछ मुस्लिम भी शामिल हैं।