चॉकलेट को लेकर लोगों में हैं कई गलत धारणाएं, जानें इसकी हकीकत

अगर आप चॉकलेट से दूरी इसलिए बनाए रखती हैं, क्योंकि आपको लगता है कि चॉकलेट तो बच्चों के खाने की चीज होती है तो आपकी सोच गलत है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 14 Jul 2018 04:08 PM (IST) Updated:Sat, 14 Jul 2018 07:42 PM (IST)
चॉकलेट को लेकर लोगों में हैं कई गलत धारणाएं, जानें इसकी हकीकत
चॉकलेट को लेकर लोगों में हैं कई गलत धारणाएं, जानें इसकी हकीकत

अगर आप चॉकलेट से दूरी इसलिए बनाए रखती हैं, क्योंकि आपको लगता है कि चॉकलेट तो बच्चों के खाने की चीज होती है तो आपकी सोच गलत है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। यह कहना है स्वीडिश वैज्ञानिकों का। वैज्ञानिकों का कहना है कि चॉकलेट खाने से न केवल तुरंत एनर्जी मिलती है, बल्कि यह सौंदर्य में भी निखार लाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारी सेहत और सौंदर्य के लिए डार्क चॉकलेट अधिक लाभकारी होती है। हालांकि बहुत से लोगों का मानना है कि चॉकलेट का सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। खामियां तलाशने वाले लोगों का तर्क होता है कि चॉकलेट में कैफीन और सैचुरैटेड फैट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है। वस्तुत: चॉकलेट के बारे में लोगों के मध्य कई गलत धारणाएं व्याप्त हैं। आइए जानते हैं इनकी हकीकत।

मिथ: चॉकलेट में सैचुरेटेड फैट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
हकीकत: हेल्थ एक्सपट्र्स का कहना है कि चॉकलेट में स्टीरिक एसिड नामक जो प्रमुख सैचुरेटेड फैट पाया जाता है, वह सेहत के लिए नुकसानदेह तो होता है, लेकिन शोध-अध्ययनों से यह पता चला है कि स्टीरिक एसिड केसेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नहीं बढ़ता, जबकि अन्य वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। शोधों से यह भी पता चला है कि डार्क चॉकलेट की स्माल बार खाने से शरीर में एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो दिल की सेहत के लिए लाभप्रद होता है।

मिथ: चॉकलेट में पोषक तत्वों की कमी होती है।
हकीकत: हेल्थ एक्सपट्र्स का कहना है कि चॉकलेट में मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें पॉलीफेनॉल नामक एक सशक्त एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। पॉलीफेनॉल के सेवन से हृदय रोगों के होने का खतरा कम हो जाता है। यही नहीं, डार्क चॉकलेट के सेवन से हाई ब्लडप्रेशर को कम करने में भी मदद मिलती है।

मिथ: चॉकलेट में कैफीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
हकीकत: यह धारणा गलत है। चॉकलेट की चालीस ग्राम की एक बार में मात्र छह मिलीग्राम कैफीन ही पाया जाता है। यह वही मात्रा है, जो एक कप डीकैफीनेटेड कॉफी में पाई जाती है।

मिथ: चॉकलेट के सेवन से दांतों में कैविटी बढ़ती है और दांतों में कीड़ा लगने और अन्य समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।
हकीकत: यह धारणा पूरी तरह से गलत है। दांतों में कीड़ा तब लगता है, जब मुंह के अंदर स्थित खाद्य पदार्थों में शुगर और स्टार्च मौजूद होता है। चॉकलेट में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे कैल्शियम और फॉस्फेट दांतों के इनेमेल की सुरक्षा करने में सहायक होते हैं। दांतों में कीड़ा लगने की स्थिति को ओरल हाइजीन जैसे खाने के बाद अच्छी तरह ब्रश करने आदि से रोका जा सकता है। साथ ही रात में सोने से पहले ब्रश करने से कीड़ा लगने की संभावनाएं क्षीण हो जाती हैं।

मिथ: चॉकलेट खाने से वजन बढ़ता है।
हकीकत: अधिकता किसी भी वस्तु की नुकसानदेह होती है। दिन में एक छोटी पीस चॉकलेट खाने से वजन नहीं बढ़ता है। वजन तब बढ़ता है, जब आप आहार से प्राप्त कैलोरी को उचित रूप से व्यायाम या शारीरिक परिश्रम द्वारा बर्न नहीं करतीं या उस कैलोरी की खपत नहीं करतीं। 

[इला शर्मा]

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