अलीगढ़ में नलकूप से निकल रहीं रंगबिरंगी मछलियां! देखने को लग रही भीड़

जिले के ब्लॉक जवां इलाके के एक नलकूप से सैकड़ों रंगबिरंगी मछलियां निकल रही हैं। एेसा चार दिन से हो रहा है। मछलियों को देखने के लिए भीड़ लग रही है।

By Edited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 09:40 AM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 06:19 PM (IST)
अलीगढ़ में नलकूप से निकल रहीं रंगबिरंगी मछलियां! देखने को लग रही भीड़
अलीगढ़ में नलकूप से निकल रहीं रंगबिरंगी मछलियां! देखने को लग रही भीड़

अलीगढ़ (मुकेश वर्मा)। आपने पोखर, तालाब या फिर नदी में मछलियां देखी होंगी, लेकिन जिले के ब्लॉक जवां इलाके में तो एक नलकूप से ही रंगबिरंगी मछलियां निकल रही हैं। बड़ी संख्या में अब तक निकल चुकी हैं। इन्हें देखने वालों की भीड़ लग रही है। कई गांव वाले तो इन्हें पालने के लिए पकड़ कर ले जा रहे हैं। मछलियों की पूरे क्षेत्र में चर्चा है।

मामला है गांव मेमड़ी का। यहां के नत्थू सिंह ने कुछ साल पहले खेतों की सिंचाई के लिए सबमर्सिबल लगवाया था, ताकि फसल को भरपूर पानी मिल सके, लेकिन बीते चार दिन से नलकूप के पानी में सैकड़ों रंगबिरंगी मछलियां भी आ रही हैं। यह देखकर ग्रामीण भी चकित हैं। नलकूप में मछलियां आने की खबर पाकर पड़ोसी गांवों के लोग भी पहुंच रहे हैं। कुछ तो पकड़कर अपने घर में पालने के लिए भी ले जा रहे हैं।

यह नलकूप बिजली आने पर ही चलता है। लिहाजा, जैसे ही इसे चालू करते हैं, ग्रामीणों की भीड़ जुट जाती है। बच्चों में उत्सुकता मछलियों को देखने के लिए बड़ों के साथ बच्चे भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। खास बात यह है कि बच्चों की जिद पर बड़े मछलियों को घर में पालने के लिए ले जा रहे हैं। बच्चों की जिद के आगे अभिभावक मजबूर हैं।

दस घंटे से अधिक चलता है नलकूप
खेतों में धन की फसल है। इस फसल को अधिक पानी की जरूरत होती है। इसलिए नलकूप करीब दस घंटे से अधिक समय चलाया जा रहा है। गांवों में करीब चौदह घंटे बिजली सप्लाई होती है। कभी कभी दस घंटे ही हो पाती है। जितनी देर बिजली रहती है, उतनी देर नलकूप चलाया जाता है। किसानों का कहना है कि नलकूप से मछलियां भले ही निकल रही हैं, लेकिन नलकूप चालू है। यदि बंद करें तो फसल को नुकसान होगा।

चार दिन से लगी भीड़
नलकूप से मछलियां चार दिन से निकल रही हैं। इन्हें देखने के लिए सुबह से ही भीड़ लग जाती है। गांव के लोगों के लिए तो यह किसी अचरज से कम नहीं। गांव के बच्चों के अलावा वृद्ध व महिलाएं भी छलियां देखने पहुंच रही हैं। दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती है।

सजावटी हैं मछलीं
नलकूप से निकल रहीं मछलियां सजावटी हैं। इन्हें सजावट के लिए उपयोग किया जाता है। एेसी मछलियां बाजार में बिकती हैं। कीमत भी अच्छी होती है। लोग इन्हें सजावट के लिए ले जा रहे हैं।

दूसरे गांवों के लोग भी जुटे
जवां इलाके के एक नलकूप से मछलियां निकलने की जानकारी आसपास के गांवों तक फैल गई है। वहां से भी लोग मछलियों को देखने आ रहे हैं और मछलियां ले जा रहे हैं।

कुछ गड़बड़ है
एएमयू जीव विज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. वसीम अहमद का कहना है कि यह संभव ही नहीं है कि मछली जमीन की पूरी परत तोड़कर भूगर्भ जल तक पहुंच जाए। मछली जमीन में बहते या ठहरे हुए पानी का जीव है। निश्चय ही कहीं कुछ गड़बड़ है। ट्यूबवेल को कहीं नहर या तालाब का सीधे पानी मिल रहा है, तभी मछलियां आ रही हैं। बाकी भूजल में मछली का पहुंचना नामुमकिन है। वह जीवित ही नहीं रहेंगी।

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