पंजाब : गुरुदासपुर में आतंकी हमला, एसपी शहीद

पाकिस्तान से लगी सीमा पार करके भारी हथियारों से लैस तीन आतंकियों ने सोमवार को पौ फटते ही पंजाब के सीमावर्ती इलाके में जोरदार हमला किया। सेना की वर्दी पहने इन आतंकियों ने पहले चंडीगढ़ जा रही बस पर गोलीबारी कर चार लोगों को घायल किया और उसके बाद कार

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Publish:Mon, 27 Jul 2015 07:42 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2015 09:26 PM (IST)
पंजाब : गुरुदासपुर में आतंकी हमला, एसपी शहीद

जागरण न्यूज नेटवर्क, गुरदासपुर। पाकिस्तान से लगी सीमा पार करके भारी हथियारों से लैस तीन आतंकियों ने सोमवार को पौ फटते ही पंजाब के सीमावर्ती इलाके में जोरदार हमला किया। सेना की वर्दी पहने इन आतंकियों ने पहले चंडीगढ़ जा रही बस पर गोलीबारी कर चार लोगों को घायल किया और उसके बाद कार छीनकर दीनानगर थाने में जा घुसे। हमले में एसपी (खुफिया) बलजीत सिंह समेत सात लोग मारे गए, इनमें तीन नागरिक हैं।

जवाबी हमले में सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को करीब 12 घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया। हमले में 15 लोग घायल भी हुए हैं। आतंकियों के लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मुहम्मद संगठन का सदस्य होने का शक है। पंजाब में यह आतंकी हमला आठ साल बाद हुआ है। हमले के बाद राजधानी नई दिल्ली समेत पूरे देश के प्रमुख शहरों व प्रतिष्ठानों को सतर्क कर दिया गया है।

प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार सुबह करीब पांच बजे दीनानगर थाने से 500 मीटर दूरी पर स्थित स्पाइसी रेस्टोरेंट के मालिक कमल मठारू सब्जी लाने के लिए अपनी मारुति कार में बैठे ही थे कि आतंकियों ने उन्हें गोली मारकर कार छीन ली। इसी दौरान तंदूर जला रहे अमरजीत सिंह को भी आतंकियों ने गोलियों से भून डाला। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद थाने में प्रवेश करते ही आतंकियों ने अंधाधुंध फायङ्क्षरग की।

इसी दौरान एसएचओ मुख्तार सिंह घायल हुए। आतंकियों ने थाने की दूसरी मंजिल पर सो रहे दो होमगार्ड जवानों- देशराज व बोधराज को छलनी कर दिया। इसी दौरान थाने से सटे एक अस्पताल में एक मरीज की मां निर्मला देवी व एक अन्य मरीज गुलाम रसूल को गोली लगी, जिससे उनकी मौत हो गई। घायल हुए लोगों में से तीन की दशा गंभीर है, उन्हें बेहतर इलाज के लिए अमृतसर भेजा गया है। थाने में मौजूद पुलिस के जवान आतंकियों से मुकाबला करते रहे।

करीब दो घंटे बाद सेना की टुकड़ी पहुंची और बख्तरबंद गाडिय़ों में सेना के जवान और पंजाब पुलिस का कमांडो दस्ता थाने में घुसा। खुद को घिरता देख आतंकी भागकर परिसर में ही स्थित एक खाली इमारत में घुस गए। सुरक्षा बलों ने उन्हें वहीं घेरकर मार गिराया। इमारत से जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) भी बरामद हुआ है जिससे पता चलता है कि आतंकी सीमा पार से आए थे। मारे गए आतंकियों के पास से असाल्ट राइफलों के अलावा चीन निर्मित ग्र्रेनेड भी मिले हैं।

आठ साल पहले सिनेमाघर में हुआ था विस्फोट
सन 2007 में लुधियाना के एक सिनेमाघर में विस्फोट में सात लोग मारे गए थे और तीस घायल हुए थे। इसके बाद से पंजाब में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ था।

घुसपैठ रोकना केंद्र का काम : बादल
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकना केंद्र सरकार का काम है। पाकिस्तान से लगी सीमा को सील किया जाना चाहिए। यह घटना अफसोसजनक है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी केवल राज्य सरकार की नहीं है। यह एक राष्ट्रीय समस्या है।

जम्मू के कठुआ में हुई थी ऐसी ही घटना

ऐसी ही एक घटना में इसी साल 20 मार्च को सेना की वर्दी पहने जैश-ए-मुहम्मद के फिदायीन हमलावरों ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के एक थाने पर हमला करके तीन सुरक्षाकर्मियों समेत छह लोगों को मार डाला था। बाद में हमलावर आतंकी मार गिराए गए थे।

रेल ट्रैक पर मिले पांच बम
पठानकोट व दीनानगर के बीच परमानंद स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर पांच बम भी मिले हैं। इस रूट पर रेल यातायात रोक दिया गया। कई ट्रेनें रद करनी पड़ी हैं। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है।

शहीद एसपी के पिता व भाई ने भी दी थी शहादत

कपूरथला : शहीद एसपी बलजीत सिंह के पिता व भाई ने भी आतंकवाद के दौर में शहादत दी थी। पिता अक्षर सिंह आतंकवादियों का पीछा करते हुए सड़क दुर्घटना में मरे थे। उनकी मौत के बाद बलजीत को अनुकंपा के आधार पर पुलिस में नौकरी मिली थी। भाई मनप्रीत सिंह पुलिस में सिपाही थे। वह आतंकवाद के दिनों में तरनतारन में आतंकियों की गोली से शहीद हुए थे।

ये भी पढ़ेंः गुरदासपुर आतंकी हमला, जानें पूरा घटनाक्रम

ये भी पढ़ेंः गुरदासपुर आतंकी हमले का शक किस पर, जानिए विशेषज्ञों की राय

ये भी पढ़ेंः पाक को राजनाथ की चेतावनी, सब्र का बांध टूटा तो करारा जवाब देंगे

गुरदासपुर में आतंकी हमले की देखें तस्वीरें

ये भी पढ़ेंः अमरनाथ यात्रियों को बंधक बनाने की थी साजिश

chat bot
आपका साथी