बेंगलुरु में कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते टेंट हाउस मालिकों और वेडिंग प्लानर्स का वित्तिय नुकसान

बेंगलुरु में टेंट हाउस मालिकों वेडिंग प्लानर्स और अन्य कार्यक्रम आयोजकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 04 May 2020 08:24 AM (IST) Updated:Mon, 04 May 2020 08:39 AM (IST)
बेंगलुरु में कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते टेंट हाउस मालिकों और वेडिंग प्लानर्स का वित्तिय नुकसान
बेंगलुरु में कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते टेंट हाउस मालिकों और वेडिंग प्लानर्स का वित्तिय नुकसान

बेंगलुरु, एएनआइ। देशभर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते सभी क्षेत्र के लोगों को परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है। अब कर्नाटक क राजधानी बेंगलुरु में टेंट हाउस मालिकों, वेडिंग प्लानर्स और अन्य कार्यक्रम आयोजकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

न्यूज एजेंसी एएनाइ को एक टेंट हाउस मालिक तम्बोटी ने बताया कि पिछले 40 दिनों से किसी भी प्रकार के इवेंट का आयोजन नहीं हुआ है। यहां पर कुछ भी करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में हम अपने हेल्पर्स को कुछ पैसे देने में असमर्थ हैं। हम सरकार से मदद की गुहार लगाते हैं। 

बता दें कि देश में इस वक्त कोरोना वायरस के चलते आज से यानी चार मई से लॉकडाउन 3.0 लागू हो गया है। इससे पहले दो चरणों में पहले ही लॉकडाउन लगाया था। इसके चलते सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन लगाया। इस वक्त समूचे देश में कोराना वायरस से मरने वालों की संख्या 1300 के पार पहुंच गई है वहीं संक्रमितों का आंकड़ा 40,000 के पार पहुंच गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक ही पहला ऐसा राज्य है जहां पर सबसे पहली मौत कोराना से हुई थी। हालांकि इससे पहले तीन संक्रमित मामले केरल से सबसे पहले सामने आए थे। कर्नाटक में हुई मौत के बाद धीरे-धीरे यह वायरस दूसरे राज्यों में भी पहुंच गया। फिलहाल इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है।सभी लोगों को एहतियात बरतने की सलाह ही दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बार-बार सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इस संकट से जूझ रही है। पूरी दुनिया में इस वायरस से सबसे अधिक अमेरिका प्रभावित हुआ है।

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