सुकमा नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के घर आंसुओं का सैलाब

नक्सली मुठभेड़ में शनिवार को शहीद जवानों के घर पर दो अलग-अलग माहौल देखने को मिला। एक शहीद की मां की आंखों में आंसुओं की बाढ़ थी तो दूसरी मां अपने बेटे की शहादत से अंजान थी। मुठभेड़ में शहीद प्लाटून कमांडर महात्मा गांधी नगर कैंप -2 पावर हाउस और

By manoj yadavEdited By: Publish:Sun, 12 Apr 2015 11:10 AM (IST) Updated:Sun, 12 Apr 2015 11:16 AM (IST)
सुकमा नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के घर आंसुओं का सैलाब

भिलाई। नक्सली मुठभेड़ में शनिवार को शहीद जवानों के घर पर दो अलग-अलग माहौल देखने को मिला। एक शहीद की मां की आंखों में आंसुओं की बाढ़ थी तो दूसरी मां अपने बेटे की शहादत से अंजान थी। मुठभेड़ में शहीद प्लाटून कमांडर महात्मा गांधी नगर कैंप -2 पावर हाउस और दूसरा आरक्षक रिसाली बस्ती निवासी है।

सूचना मिलने के बाद पावर हाउस में परिजन रोने-बिलखने लगे वहीं रिसाली में जवान के परिजनों को घटना से अंजान रखा गया था। दोनों शहीदों का शव रविवार को भिलाई पहुंचेगा जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सुकमा में हुए नक्सली मुठभेड़ के शहीदों में शामिल प्लाटून कमांडर बी शंकर राव महात्मा गांधी नगर कैंप-2 के निवासी हैं। वहीं एसटीएफ में आरक्षक किरण देशमुख रिसाली बस्ती का रहने वाला है। एक साथ दो दोनों के शहीद होने की खबर मिलते ही ट्विनसिटी का माहौल गमगीन हो गया। परिचितों से लेकर दोस्तों का घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना देने तांता लगा रहा। कैबिनेट मंत्रीद्वय प्रेम प्रकाश पांडेय, रमशीला साहू, विधायक विद्यारतन भसीन, सहित एसपी मयंक श्रीवास्तव सहित पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।

बताया था हिट लिस्ट में हूं मैं:

कैम्प-2 निवासी प्लाटून कमांडर शंकर राव के शहीद होने की सूचना शनिवार शाम को मिलते ही परिजनों पर पहाड़ ही टूट पड़ा है। चार भाइयों में दूसरा शंकर राव एसटीएफ में लंबा समय बिता चुके हैं। शंकर की पत्नी ईश्वरी सहित तीन बेटियां नेहा, चंचल व चांदनी हैं।

शंकर राव के दोस्तों ने बताया कि जब भी वह छुट्टियों में भिलाई आता था तो अपने मुठभेड़ के किस्से सुनाता था। लगभग 10 वर्षों से सुकमा बस्तर में तैनात शंकर राव अपने दोस्तों को बताया करता था कि नक्सलियों के हिट लिस्ट में मेरा नाम है और कभी भी उनकी गोली का शिकार हो सकता हूं। आज यह बात याद कर दोस्तों के आंखों से आंसू छलकने लगे। साथ ही दोस्तों ने शंकर के शहीद होने पर फक्र की बात कही।

पत्नी व मां को शहादत से रखा अंजानः

रिसाली बस्ती ढ़ोल चौक निवासी आरक्षक किरण देशमुख अपने परिवार का एकलौता सहारा था। आज उसके शहीद होने की जानकारी जीजा गोपेन्द्र कुमार हरदेल को हुई। घर में मौजूद उसकी मां महतो बाई व पत्नी कुमुद देशमुख को यह जानकारी देने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाया।

बाद में रिश्तेदारों ने केवल यह बताया कि किरण को गोली लगी है और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। शहीद किरण के जीजा ने बताया कि 2009 में एसएफ में भर्ती होने के बाद एक साल पूर्व ही एसटीएफ में भर्ती हुआ था। किरण के घायल होने की बात से ही उसकी मां व पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। घर में परिजनों का जुटना शुरू हो गया था।

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