हाई ब्लड प्रेशर समेत दिल के रोगों के लिए रामबाण है इमली, रेड ब्लड सेल्स बनाता है गूलर
इमली जहां स्वाद के मुकाबले में किसी से कम नहीं है वहीं ये कई तरह के औषधीय गुणों से भी भरपूर है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। पौधे पर्यावरण के लिए जितने उपयोगी हैं। सेहत के लिए उतने ही लाभदायक। जिस तरह इमली के खट्टे और मीठे दोनों स्वाद लोगों का दिल जीत लेते हैं। वैसे गूलर के औषधीय गुण कहां किसी से छिपे हैं। आज बात गूलर और इमली की। आज बात गूलर और इमली की।
इमली
एक ऐसा फल, जो मीठा और खट्टा दोनों के शौकीनों को पसंद हो सकता है। हरी होती है तो स्वाद में खट्टी लगती है और पकने के बाद लाल रंग लेती है और मीठी हो जाती है। जी हां, इमली। जैसे इसके स्वाद बहुत हैं वैसे ही इसके फायदे भी अनेक हैं।
वैज्ञानिक नाम : टैमेरिन्डस इंडिका
औसत लंबाई : 30 मीटर
इमली के फायदे
इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाना और नियंत्रित करना) पाया जाता है। इससे हृदय रोग, हाई ब्लड शुगर, हाई-कोलस्ट्रॉल और मोटापा संबंधी समस्याएं नियंत्रित की जा सकती हैं।
इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पाचन में सहायक डाइजेस्टिव जूस को प्रेरित करने का काम करते हैं। इस कारण पाचन क्रिया बेहतर तरीके से काम करने लगती है।
इमली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह तंत्रिका तंत्र को सही गति देने का काम करता है।
इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनमें एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने) और एंटी-स्ट्रेस (मानसिक तनाव कम करने) प्रभाव पाए जाते हैं।
इमली में एंटीऑक्सिडेंट और हेप्टोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाए जाते हैं। पीलिया और लिवर के लिए फायदेमंद है।
इसमें एंटी-मलेरिया के साथ-साथ फेब्रिफ्यूज और लैक्सेटिव प्रभाव भी पाए जाते हैं। इसका उपयोग मलेरिया और माइक्रोबियल डिजीज से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है।
इमली का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा दिलाने में लाभकारी साबित हो सकता है।
इमली में मैलिक, टार्टरिक और पोटैशियम एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पेट के लिए काफी उपयोगी है।
इमली खाने के फायदे में त्वचा से डेड स्किन निकालना और उसे निखारना भी शामिल है।
गूलर
गूलर का कच्चा और पका दोनों तरह का फल उपयोगी है। यह बहुगुणीय है। गूलर के वृक्ष के सभी भाग जैसे पत्ते, फल, छाल, जड़ और लकड़ी सभी का कुछ न कुछ औषधीय प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाता है।
गूलर के फायदे
गूलर में विटमिन बी 2 होता है जो रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है। इसके अलावा यह एंटीबॉडीज बनाने में उपयोगी होता है।
गूलर में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। इसके सेवन से शरीर में आयरन की कमी नियंत्रित होती है।
गूलर में एंटी-डायबिटिक, एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-अस्थमैटिक प्रॉपर्टीज होती हैं, जिनकी वजह से यह डायबिटीज से लेकर अस्थमा इत्यादि में कारगर है।
नींद न आने की समस्या से निपटने में भी गूलर कारगर है। इसकी वजह है इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है।
पित्त की बीमारी में गूलर की पत्तियों को शहद के साथ पीसकर खाने से राहत मिलती है।
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