ब्रिक्स के जरिए दुनिया में पाक का आतंकी चेहरा हुआ बेनकाब: सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद पर ब्रिक्स और बिमस्टेक सम्मेलन में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी आज इस्लामाबाद को दुनिया के कठघरे में खड़ा किया।
विदेश मंत्री ने कहा है ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान में फलते-फूलते आतंकवाद पर न केवल चर्चा हुई बल्कि इस मुद्दे पर पाक दुनिया में पूरी तरह बेनकाब हो रहा है। सुषमा के अनुसार विश्र्व को इस बात का अहसास हो रहा है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान वास्तव में दुनिया की चुनौती बन रहा है।
गोवा में हुए ब्रिक्स और बिमस्टेक सम्मेलन के बाद विदेश मंत्री ने यहां मीडिया से रूबरू होने के दौरान कहा कि भारत ने इन दोनों मंचों पर हुई चर्चाओं में पाकिस्तान में फलते-फूलते आतंकवाद की पूरी तस्वीर दिखाई। पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए सुषमा ने कहा कि विश्र्व के लिए इससे ज्यादा खतरनाक कुछ नहीं हो सकता कि सरकार और शासन आतंकवाद को न केवल समर्थन दे बल्कि उसका पालन-पोषण और संरक्षण करे। पाकिस्तान में हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी से लेकर जरगर सरीखे आतंकियों को वहां के हुक्मरानों के मिलते रहे समर्थन की ओर इशारा करते हुए विदेश मंत्री ने यह बात कही।
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विदेशमंत्री ने साफ कहा कि जो लोग आतंकवाद का इस तरह खुला समर्थन करते हैं उन्हें इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। आतंकवाद का भुक्तभोगी होने का दुनिया के सामने रोना रो रहे पाकिस्तान के दोहरे चेहरे को बेनकाब करते हुए सुषमा ने कहा कि आतंक को समर्थन और संरक्षण देने की कीमत चुकानी होगी। ब्रिक्स मीडिया फोरम के अपने संबोधन के दौरान सुषमा ने कहा कि जो लोग आतंकवाद का पालते-पोशते हैं वे आतंकी के अच्छे या बुरे होने की अपने हिसाब से परिभाषा तय करते हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर कोई दूसरी परिभाषा नहीं हो सकती। विदेशमंत्री ने ब्रिक्स के दौरान पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों का गोवा घोषणापत्र में प्रमुखता से उल्लेख न होने को लेकर उठे सवालों को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवाद की निंदा के साथ उसके खिलाफ लड़ाई में एक सुर की बात शामिल है। विदेशमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स ही नहीं पूरी दुनिया को यह अहसास हो गया है कि आतंकवाद और खासतौर पर सरकार प्रायोजित आतंकवाद से बड़ी विश्र्व के सामने कोई चुनौती नहीं है।
सार्क देशों के बीच आपसी व्यापार और आवागमन बढ़ाने में पाकिस्तान के लगाए जा रहे अड़ंगे पर सुषमा ने कहा कि बिमस्टेक देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग के नए विकल्प सामने आ रहे हैं। भारत और अफगानिस्तान के बीच सड़क मार्ग से व्यापार और मध्य एशिया के साथ सीधे संपर्क के प्रस्तावों पर पाकिस्तान लगातार उदासीन ही नहीं बल्कि इसे रोकने के लिए हर दांव चलता है। सुषमा ने बिमस्टेक देशों के साथ भारत के रिश्तों और व्यापार के जरिए सहयोग के नए दौर का आगाज होने की बात कही। साथ ही श्रीलंका, भूटान, म्यांमार, बांग्लोदश, नेपाल, अफगानिस्तान जैसे सार्क देशों के आतंकवाद के खिलाफ मुखर होने की भी प्रशंसा की।
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