सर्विलांस पोत सेवा में शामिल होने के लिए तैयार, मिसाइल प्रक्षेपण और पानी के भीतर की गतिविधियों पर होगी पैनी नजर

इस पोत का निर्माण विशाखापत्तनम में 2014 में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में शुरू हुआ। रक्षा एवं अनुसंधान विकास संस्थान (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना सहित अन्य एजेंसियों के सहयोग से पोत का विकास किया गया है। भारत का सर्विलांस पोत सेवा में शामिल होने के लिए लगभग तैयार है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 10:44 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 10:44 PM (IST)
सर्विलांस पोत सेवा में शामिल होने के लिए तैयार, मिसाइल प्रक्षेपण और पानी के भीतर की गतिविधियों पर होगी पैनी नजर
अभी सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस के पास हैं ऐसे पोत

नई दिल्ली, प्रेट्र। सामरिक मिसाइल प्रक्षेपण और पानी के भीतर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम भारत का सर्विलांस पोत सेवा में शामिल होने के लिए लगभग तैयार है। इससे जुड़े अधिकारियों ने इस आशय की सूचना दी।

इस पोत के माध्यम से अपने दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत की निगरानी क्षमता काफी बढ़ जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि गोपनीय सामरिक परियोजना के तहत पोत का निर्माण पूरा हो गया है और उसकी सेवा में शामिल होने के साथ भारत उन कुछ देशों में शुमार हो जाएगा जिनके पास मिसाइल ट्रैकिंग पोत हैं। फिलहाल सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस के पास ऐसे पोत हैं।

एक अधिकारी ने कहा, 'पोत को आधिकारिक रूप से अगले कुछ महीने में सेवा में शामिल किए जाने की संभावना है।' उसने बताया कि पोत के काम करने से पहले सभी महत्वपूर्ण परीक्षण और जांच किए जा रहे हैं। पोत से प्राप्त सूचनाओं और डाटा को भारत के दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने वाली शीर्ष खुफिया एजेंसियों के साथ साझा किए जाने की संभावना है।

इस पोत का निर्माण विशाखापत्तनम में 2014 में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में शुरू हुआ। रक्षा एवं अनुसंधान विकास संस्थान (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना सहित अन्य एजेंसियों के सहयोग से पोत का विकास किया गया है। क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर भारत भी हिंद महासागर में अपनी सर्विलांस गतिविधियों को विस्तार दे रहा है।

क्रास ने सेना और वायु सेना के लिए तैयार की मिसाइल

निजी क्षेत्र की रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनी कल्याणी राफेल एडवांस सिस्टम (क्रास) ने भारतीय सेना और वायु सेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) की पहली खेप तैयार की है।

कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मिसाइल की पहली खेप आने वाले वर्षों में भारतीय सेना और वायु सेना के लिए 1,000 से अधिक एमआरएसएएम 'मिसाइल किट' देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। क्रास भारत के कल्याणी समूह और इजरायल की राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम का संयुक्त उपक्रम है।

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