नसबंदी शिविरों पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने नसबंदी शिविरों को गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को सौंपे जाने पर राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। सर्वोच्च अदालत का कहना है कि केंद्र सरकार ने परिवार नियोजन का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे राज्यों को पूरा करना है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नसबंदी शिविरों को गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को सौंपे जाने पर राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। सर्वोच्च अदालत का कहना है कि केंद्र सरकार ने परिवार नियोजन का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे राज्यों को पूरा करना है।
जस्टिस एमबी लोकुर व जस्टिस यूयू ललित की खंडपीठ ने आज बिहार के अररिया जिले के जनवरी 2012 के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह फटकार लगाई। इस मामले में दो घंटे के अंदर हरी 53 महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया गया था। जस्टिस लोकुर ने छत्तीसगढ़ सरकार को भी नवंबर 2014 के ऐसे ही एक मामले में हलफनामा दायर करने के लिए कहा। इसमें मृत महिलाओं को दिए जाने वाले मुआवजे का ब्योरा मांगा गया है। इस मामले में बिलासपुर जिले में लगे ऐसे ही कैंप में एक दर्जन से अधिक महिलाओं की मौत हो गई थी।
खंडपीठ ने कहा कि यह मानव जीवन का सवाल है। हम इन समस्याओं के साथ आजीवन नहीं जी सकते। इसका समाधान निकालना ही चाहिए। मुआवजे का मुद्दा ही मसले को और उलझा रहा है। इस मुआवजे के लिए ही ऑपरेशन करने में कम समय में अधिकाधिक ऑपरेशन कर रहे हैं।
खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल पिंकी आनंद से मरीजों को मुआवजा बंद किए जाने के संबंध में केंद्र की राय मांगी। साथ ही, यह भी पूछा कि ऐसे शिविरों की देखरेख एनजीओ को सौंपे जाने व गाइडलाइंस जारी करने राय मांगी है।