सेवादारनी की नौकरी छोड़ेंगी सुखप्रीत

अमृतसर [अशोक नीर]। शहीद सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत अब गुरु नानक देव विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा में 'सेवादारनी' की नौकरी नहीं करेंगी। शहीद की पत्नी जूठे गिलास उठाए और पानी की ट्रे लेकर अधिकारियों के पास जाए, यह शहीद का अपमान होगा। यह जानकारी दी है सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने। जीएनडीयू के वाइस चांसलर प्रो. अजा

By Edited By: Publish:Sat, 04 May 2013 09:08 PM (IST) Updated:Sat, 04 May 2013 09:10 PM (IST)
सेवादारनी की नौकरी छोड़ेंगी सुखप्रीत

अमृतसर [अशोक नीर]। शहीद सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत अब गुरु नानक देव विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा में 'सेवादारनी' की नौकरी नहीं करेंगी। शहीद की पत्नी जूठे गिलास उठाए और पानी की ट्रे लेकर अधिकारियों के पास जाए, यह शहीद का अपमान होगा। यह जानकारी दी है सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने।

जीएनडीयू के वाइस चांसलर प्रो. अजायब सिंह बराड़ ने कहा कि सरकार द्वारा तय किए गए मापदंड के आधार पर किसी भी शहीद के परिवार को यूनिवर्सिटी के संविधान के अनुसार क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं, वह सुखप्रीत को दी जाएंगी। रजिस्ट्रार डा. इंद्रजीत सिंह का कहना है कि नियमों के अनुसार किसी भी स्थायी कर्मी को ही शहीद के परिवार की सुविधा मिलती है। एडहॉक पर काम कर रही कर्मी को कोई भी इस प्रकार की सुविधा नहीं है। सुखप्रीत भी एडहॉक पर काम कर रहीं हैं।

सरबजीत का स्मारक बने

दूसरी तरफ, दलबीर कौर की मांग है कि गांव भिखीविंड में सरबजीत का स्मारक बने। आने वाली पीढ़ी सरबजीत के बलिदान को याद रखे, इसके लिए उसके जीवन पर आधारित एक लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का भी प्रबंध किया जाना चाहिए। सरबजीत के पैतृक निवास स्थान के आसपास सुलभ शौचालय स्थापित किए जाने चाहिए ताकि कस्बे की महिलाओं को खुले में शौच न करना पड़े। सरबजीत के नाम का एक बड़ा प्रवेश द्वार भिखीविंड के मुख्य रास्ते पर बने। इसके लिए उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साथ वह बातचीत करेगी। सरबजीत की अंतिम अरदास 11 मई को होगी। इसके लिए परिवार ने अभी स्थान निश्चित नहीं किया है।

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