विदेशी सहयोग से पनडुब्बी निर्माण नहीं रुकेगा

स्कॉर्पीन डाटा लीक विवाद के चलते देश में विदेशी सहयोग से जारी पनडुब्बी निर्माण परियोजना बंद नहीं होगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शनिवार को यह जानकारी दी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Sat, 17 Sep 2016 06:19 PM (IST) Updated:Sat, 17 Sep 2016 06:45 PM (IST)
विदेशी सहयोग से पनडुब्बी निर्माण नहीं रुकेगा

मुंबई, पीटीआई : स्कॉर्पीन डाटा लीक विवाद के चलते देश में विदेशी सहयोग से जारी पनडुब्बी निर्माण परियोजना बंद नहीं होगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शनिवार को यह जानकारी दी। उनका कहना था कि ये परियोजनाएं बदस्तूर जारी रहेंगी। डाटा लीक विवाद का इन पर कोई असर नहीं हैं।

युद्धपोत मोरमुगाओ के जलावतरण के बाद एडमिरल लांबा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'रक्षा मंत्रालय प्रोजेक्ट 75आइ को सामरिक साझेदारी का हिस्सा मानता है। इसमें एक तकनीकी विदेशी साझेदार भी है।

पिछले वर्ष गठित समिति ने उन शिपयार्ड की पहचान कर ली, जिन्हें पनडुब्बी निर्माण के काम में शामिल होना है।' प्रोजेक्ट 75आइ के तहत देसी और विदेशी शिपयार्ड मिलकर भारत में ही पनडुब्बियों का निर्माण कर रहे हैं। परियोजना के तहत बन रहीं 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण में फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस शामिल है।

एक सवाल के जवाब में नौसेना प्रमुख ने बताया कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी का डाटा फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस के कार्यालय से ही लीक हुआ। प्रारंभिक जांच निष्कर्षो के अनुसार, यह लीक भारत से नहीं हुआ। ध्यान रहे कि आस्ट्रेलियाई अखबार 'द आस्ट्रेलियन' ने स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े लीक दस्तावेजों को छापा था। बाद में फ्रांसीसी सरकार ने कहा था कि यह दस्तावेज लीक नहीं बल्कि पनडुब्बी निर्माता कंपनी डीसीएनएस के दफ्तर से चुराए गए थे।

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