नक्सली गतिविधियों के लिए स्टेन स्वामी को मिले थे आठ लाख रुपये, आइएसआइ जनरल से भी मिला था नवलखा

भीमा कोरेगांव मामले में पिछले हफ्ते रांची से गिरफ्तार किए गए स्टेन स्वामी को प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) -माओवादी की गतिविधियां चलाने के लिए आठ लाख रुपये मिले थे। एनआइए ने पिछले हफ्ते दाखिल अपने पूरक आरोप पत्र में यह जानकारी दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 14 Oct 2020 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 14 Oct 2020 06:15 AM (IST)
नक्सली गतिविधियों के लिए स्टेन स्वामी को मिले थे आठ लाख रुपये, आइएसआइ जनरल से भी मिला था नवलखा
भीमा कोरेगांव मामले में पिछले हफ्ते रांची से गिरफ्तार किए गए स्टेन स्वामी।

 नई दिल्ली, एजेंसियां। भीमा कोरेगांव मामले में पिछले हफ्ते रांची से गिरफ्तार किए गए स्टेन स्वामी को प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) -माओवादी की गतिविधियां चलाने के लिए आठ लाख रुपये मिले थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पिछले हफ्ते दाखिल अपने पूरक आरोप पत्र में यह जानकारी दी है।

एनआइए ने भीमा कोरेगांव मामले में दाखिल पूरक आरोप पत्र में दी जानकारी

एनआइए के मुताबिक, स्वामी के आवास से बरामद किए गए दस्तावेजों में गाइड ऑफ इंक्रिप्टेड डाटा कम्युनिकेशन ऑन जीएसएम नेटवर्क, एन असेंशियल अंडरग्राउंड हैंडबुक, लेटर्स बिट्वींस कॉमरेड्स फॉर यूजिंग इंक्रिप्शन, मिनी-मैनुअल ऑन अर्बन गुरिल्ला शामिल हैं। स्वामी के आवास से एक खत भी बरामद हुआ था जिसमें अनुसूचित जाति के सभी नेताओं को भाजपा-आरएसएस कॉरपोरेट मित्र परिवार के स्टार प्रचारकों के फर्जी विकास के प्रचार को बाधित करने के लिए बिना विश्राम, बिना लापरवाही और बिना दया के सिद्धांत पर हर संभव काम करने का निर्देश दिया गया था।

बरामद किए गए एक पत्र में स्वामी ने श्रीनिवास नामक व्यक्ति के योगदान का भी जिक्र किया है जिसने भाकपा-माओवादी के खिलाफ गृह मंत्रालय की आंतरिक रणनीति की जानकारी उपलब्ध कराई थी। श्रीनिवास को वरवरा राव के लिए राजनीतिक संरक्षण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी।

आइएसआइ जनरल से भी मिला था नवलखा

आरोप पत्र के मुताबिक, गौतम नवलखा ने वर्ष 2010 से 2011 के बीच तीन बार अमेरिका की यात्रा की थी। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के सक्रिय सदस्य गुलाम नबी फई के संपर्क में था। फई ने ही उसे आइएसआइ के जनरल से मिलवाया था। 2011 में फई को जब अमेरिका में फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआइ) ने गिरफ्तार कर लिया था तो नवलखा ने एक अमेरिकी न्यायाधीश को पत्र लिखकर फई की दया याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया था।

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