कुवैत से कच्चा तेल लेकर भारत आ रहे टैंकर में आग, चालक दल का एक सदस्य लापता, एक घायल

श्रीलंका तट से 37 नाटिकल मील पूर्व समुद्र में तैनात एक तेल टैंकर एमटी न्यूडायमंड (MT NewDiamond) आग लग गई। चालक दल के 24 सदस्यों में से एक लापता है और एक घायल है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2020 04:06 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2020 10:47 PM (IST)
कुवैत से कच्चा तेल लेकर भारत आ रहे टैंकर में आग, चालक दल का एक सदस्य लापता, एक घायल
कुवैत से कच्चा तेल लेकर भारत आ रहे टैंकर में आग, चालक दल का एक सदस्य लापता, एक घायल

कोलंबो, पीटीआइ। कुवैत से कच्चा तेल लेकर भारत आ रहे एक टैंकर पोत में श्रीलंका के पूर्वी तट के पास आग लग गई। इस हादसे में पोत पर सवार चालक दल के 24 सदस्यों में से एक लापता है और एक घायल है। पनामा में पंजीकृत टैंकर न्यू डायमंड में लगी आग पर नियंत्रण पाने के लिए श्रीलंका की नौसेना द्वारा गुरुवार को सहायता मांगे जाने पर भारतीय तटरक्षक बल ने तुरंत ही अपने तीन पोत शौर्य, सारंग और समुद्र पहरेदार के अलावा एक डोíनयर विमान मदद के लिए भेजा।

यह टैंकर कुवैत से दो लाख 70 हजार टन कच्चा तेल लेकर भारत आ रहा था। श्रीलंकाई नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन इंदिका सिल्वा ने बताया कि अंपारा जिले के पूर्व में सांगामांकांडा के तट के पास टैंकर के इंजन कक्ष में आग लग गई। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए चार पोत भेजे गए हैं। नौसेना के पोत पूर्वी बंदरगाह त्रिंकोमाली और दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा से भेजे गए हैं। इसके अलावा हंबनटोटा में 31 अगस्त से डेरा डाले रूस के दो युद्धपोत भी आग पर काबू पाने के लिए रवाना हो गए हैं।

सिल्वा के अनुसार, जिस समय न्यू डायमंड के इंजन कक्ष में आग लगी, वहां चालक दल के 24 लोग मौजूद थे। दो के अलावा चालक दल के अन्य सभी सदस्य टैंकर से सुरक्षित बाहर आ गए और बचाव नौका पर हैं। समुद्री पर्यावरण संरक्षण प्राधिकार (एमईपीए) के अध्यक्ष धारशानी लहांदापुरा ने कहा कि आग बुझाने के लिए नौसेना के पोत को एक लाख लीटर पानी मुहैया कराया गया है। श्रीलंका वायुसेना ने भी बचाव अभियान में एक हेलीकॉप्टर तैनात किया है।

अभी हाल ही में जापान का तेल जहाज एमवी वाकाशिओ 25 जुलाई को मॉरीशस के दक्षिण पूर्वी तट के पास मूंगे की चट्टान से टकरा गया था। इस टक्कर के चलते जहाज के निचले भाग में दरारें पड़ गई थीं जिससे यह दो हिस्सों में टूट गया था। इसमें चार हजार टन तेल लदा था, जिसमें से एक हजार टन तेल पहले ही समुद्र में बह गया था। भारत ने जापानी जहाज से तेल रिसाव के चलते पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहे मॉरीशस को मदद भेजी थी। 

मॉरीशस ने हालात से निपटने के लिए भारत से मदद मांगी थी। मॉरीशस के अनुरोध करते ही समुद्र में तेल के फैलाव को रोकने के लिए भारत ने वायुसेना के विमान से 30 टन उपकरण व सामग्री के साथ ही एक विशेष टीम भेजी थी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ देश के लिए इसे गंभीर खतरा बताते हुए पर्यावरणीय आपातकाल की घोषणा की थी। जिस क्षेत्र में तेल बहा था वह कछुओं समेत दुर्लभ प्रजाति के समुद्री जीव जंतुओं का घर माना जाता है।

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