श्रीलंका में पूरी हो तमिलों की न्याय की अपेक्षा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका समस्या के ऐसे राजनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें 'अखंड श्रीलंका' के ढांचे के तहत तमिल समुदाय की समानता, सम्मान, न्याय और आत्मसम्मान की अपेक्षा को पूरा किया जा सके। श्रीलंका के तमिल नेशनल एलायंस [टीएनए] के सांसदों के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद ज

By Edited By: Publish:Sat, 23 Aug 2014 07:00 PM (IST) Updated:Sun, 24 Aug 2014 12:51 PM (IST)
श्रीलंका में पूरी हो तमिलों की  न्याय की अपेक्षा : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका समस्या के ऐसे राजनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें 'अखंड श्रीलंका' के ढांचे के तहत तमिल समुदाय की समानता, सम्मान, न्याय और आत्मसम्मान की अपेक्षा को पूरा किया जा सके।

श्रीलंका के तमिल नेशनल एलायंस [टीएनए] के सांसदों के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद जारी सरकारी बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से यह बात कही गई है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के सभी पक्षों से अपील की कि वे श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन पर आधारित राजनीतिक समाधान खोजने के लिए साझेदारी और आपसी सामंजस्य की भावना से कार्य करें।

प्रधानमंत्री ने तमिल नेशनल अलायंस [टीएनए] के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया कि भारत उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका में राहत, पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण के कार्य में सहायता देना जारी रखेगा। इनमें विशेष रूप से आवास, रोजगार पैदा करना, क्षमता बढ़ाना, शिक्षा, अस्पताल और बुनियादी ढांचे संबंधित परियोजनाएं भी शामिल हैं।

मोदी से करीब एक घंटे तक मुलाकात करने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में आर. सम्पथन, मवाई एस. सेनथिराजा, के. सुरेश प्रेमचंद्रन, पी. सेल्वाराज, सेल्वम अडाईक्कलनाथन और एमए सुमन्थीरन शामिल थे। प्रधानमंत्री से भेंट के बाद प्रतिनिधिमंडल के नेता सम्पथन ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया 'मोदी ने हमारे उत्तरी प्रांतीय परिषद के मुख्यमंत्री सीवी विग्नेश्वरण से मिलने की इच्छा जताई है।'

मोदी और टीएनए प्रतिनिधिमंडल के बीच मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह मौजूद थे। टीएनए के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को श्रीलंका की स्थिति की जानकारी दी और राष्ट्रीय सामंजस्य तथा केंद्र द्वारा राज्यों को दिए गए अधिकार के बारे में अपने आकलन और उम्मीदों से अवगत कराया।

तमिल नेशनल अलायंस के नेताओं का यह दौरा भारत और श्रीलंका सरकार और वहां के राजनीतिक दलों के साथ लगातार संबंध बनाए रखने का हिस्सा है।

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