खुद पर कार्रवाई के बाद आइएएस टॉपर ने कहा, आसपास की घटनाओं से अलग रहना मुमकिन नहीं

शाह फैसल ने जीएडी के नोटिस को अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा है कि दक्षिण एशिया में रेप-कल्चर के खिलाफ मेरे कटाक्ष भरे ट्वीट पर मेरे बॉस का लव लेटर आया है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 11 Jul 2018 11:09 AM (IST) Updated:Wed, 11 Jul 2018 08:03 PM (IST)
खुद पर कार्रवाई के बाद आइएएस टॉपर ने कहा, आसपास की घटनाओं से अलग रहना मुमकिन नहीं
खुद पर कार्रवाई के बाद आइएएस टॉपर ने कहा, आसपास की घटनाओं से अलग रहना मुमकिन नहीं

श्रीनगर, जेएनएन। वर्ष 2010 में यूपीएससी की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले आइएएस शाह फैसल एक बार फिर सुर्खियों में है। केंद्र सरकार ने उनके विवादास्पद ट्वीट करने की प्रवृति का कड़ा संज्ञान लेते हुए जम्मू कश्मीर सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। यह कार्रवाई देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को लेकर शाह फैसल के रेप कल्चर संबंधी 22 अप्रैल को किए ट्वीट को लेकर हो रही है। राज्य महाप्रशासिनक विभाग (जीएडी) ने मंगलवार को शाह फैसल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते नोटिस भेजा। इसमें लिखा गया किया है आप ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपनी अधिकारिक ड्यूटी को निभाने में विफल रहे हैं और आपका व्यवहार ऐसा है, जो इस बात को साबित करता है कि आप जनसेवक लायक नहीं हैं।

जीएडी ने लिखा है कि भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक पत्र भेजा है, जिसमें आपकी ओर से आपके ट्वीटर हैंडल पर किए गए विभिन्न ट्वीट के संदर्भ भी लगाए गए हैं। इन ट्वीट में आपने जो विचार व्यक्त किए हैं, वह अखिल भारतीय सेवा अधिनियम 1968 और अखिल भारतीय सेवा अनुशासन व अपील नियम 1969 के खिलाफ हैं। आपके खिलाफ राज्य सरकार को कार्रवाई करने और आपको सूचित करने के लिए कहा गया है।

शाह फैसल का जवाब
शाह फैसल इस समय विदेश में स्टडी लीव पर हैं। उन्होंने जीएडी के नोटिस को अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा है कि दक्षिण एशिया में रेप-कल्चर के खिलाफ मेरे कटाक्ष भरे ट्वीट पर मेरे बॉस का लव लेटर आया है। विडंबना यह है कि लोकतांत्रिक भारत में उपनिवेशवादी भावना के साथ सेवा नियम लागू हैं जो जमीर की स्वतंत्रता को मारते हैं।

शाह फैसल ने जीएडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह अति उत्साही नौकरशाही के सिवाय कुछ नहीं है। यह वह लोग हैं जो आज भी सेवा नियमों के बरसों पुराने दौर के मुताबिक व्याख्या करते हैं। यह लोग मौजूदा समय जिसमें हम रह रहे हैं, की भावना को नहीं समझते।

एक अधिकारी होने के नाते मैं नहीं समझता कि मेरे ट्वीट पर किसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए। दुष्कर्म कोई सरकारी नीति तो है नहीं, जिसकी आलोचना या निंदा को सरकारी नीतियों की निंदा माना जाए। अगर यह सरकारी नीति का हिस्सा है तो फिर मैं दोषी हूं,अन्यथा नहीं। खुद पर कार्रवाई के बाद आइएएस टॉपर ने कहा कि अपने आसपास हो रहीं घटनाओं से अलग रहना मुमकिन नहीं है।

उमर ने किया फैसल का समर्थन
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शाह का समर्थन किया। उमर ने ट्वीट किया कि ऐसा लगता है कि डीओपीटी ने शाह फैसल को सिविल सर्विस से बाहर निकालने का मन बना लिया है। उन्होंने शाह फैसल को जारी नोटिस की अंतिम पंक्ति का हवाला देते हुए लिखा है कि इस पेज की अंतिम लाइन हैरान करने वाली और अस्वीकार्य है। इसमें वह शाह फैसल की निष्ठा और ईमानदारी पर सवाल कर रहे हैं। एक कटाक्ष भरा ट्वीट कैसे बेइमानी हो सकता है, यह किसी को कैसे बेईमान बना सकता है।

भाजपा ने उमर पर साधा निशाना
इस बीच, भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने उमर अब्दुल्ला के ट्वीट की निंदा करते हुए इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। पार्टी के राज्य प्रवक्ता अनिल गुप्ता ने आरोप लगाया कि 2010-बैच आइएएस अधिकारी फैसल का ट्वीट शरारती था। गुप्ता ने कहा कि उमर ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण  करने का प्रयास किया है।

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