तबादले के बाद वीआरएस पर सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने क्‍या दी सफाई

सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को साफ किया कि उनके ट्रांसफर और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश के बीच कोई संबंध नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 26 Jul 2019 09:39 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jul 2019 09:39 PM (IST)
तबादले के बाद वीआरएस पर सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने क्‍या दी सफाई
तबादले के बाद वीआरएस पर सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने क्‍या दी सफाई

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्तमंत्रालय से ऊर्जा मंत्रालय में स्थानांतरण के बाद वीआरएस लेने वाले सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को साफ किया कि उनके ट्रांसफर और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश के बीच कोई संबंध नहीं है। उन्होंने 18 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ उनके वीआरएस लेने के इरादे को लेकर चर्चा की थी। चर्चा यह थी कि स्थानांतरण से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति ने बुधवार को गर्ग का ट्रांसफर बिजली मंत्रालय के सचिव के पद पर कर दिया था। गर्ग ने शुक्रवार सुबह बिजली सचिव का पद संभालने के बाद कहा कि उन्होंने ट्रांसफर आदेश से काफी पहले 18 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ उनकी वीआरएस लेने की योजना के बारे में बातचीत की थी। इसलिए इन दोनों घटनाओं में कोई संबंध नहीं है। वह सरकार के सहयोग के लिए आभारी हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनका वीआरएस का प्रस्ताव सरकार ने स्वीकार कर लिया है, गर्ग ने कहा कि इसकी एक स्थापित प्रक्रिया है और यह प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है क्योंकि इसमें वक्त लगता है। गर्ग ने बृहस्पतिवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर जानकारी दी थी कि उन्होंने आइएएस की नौकरी से वीआरएस लेने के लिए आवेदन किया है।

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने रिजर्व बैंक के सरप्लस रिजर्व पर विचार कर रही बिमल जालान समिति की रिपोर्ट पर दस्तखत क्यों नहीं किए, तो गर्ग ने जवाब दिया कि अब तक समिति ने विचार विमर्श की प्रक्रिया पूरी नहीं की है।

गर्ग वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव थे। चूंकि वह वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव थे, इसलिए वह वित्त सचिव थे। 1983 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी गर्ग 2014 में केंद्र में आए और उन्हें उस समय विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया। वह वहां 2017 तक रहे।

इसके बाद उन्हें जून 2017 में आर्थिक कार्य विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। मार्च 2019 में जब ए एन झा रिटायर हुए तो उन्हें वित्त सचिव बना दिया गया। सरकार ने वित्त सचिव के पद से उनका ट्रांसफर ऐसे समय किया है कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट की प्रक्रिया पूरी हुई है।

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