कार्मिक सचिव को अवमानना कार्यवाही से बरी करने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

नौ अप्रैल को शीर्ष अदालत ने सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया था और शीर्ष अदालत के केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पदोन्नति पर यथास्थिति के आदेश का उल्लंघन का दावा करने वाली याचिका पर स्पष्टीकरण तलब किया था।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 07:40 AM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 07:40 AM (IST)
कार्मिक सचिव को अवमानना कार्यवाही से बरी करने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगस्त के दूसरे हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है।

नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पदोन्नति पर यथास्थिति के आदेश का कथित उल्लंघन करने पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना कार्यवाही से बरी करने से इन्कार कर दिया है।                                                 

केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी कि अवमानना याचिका में तथ्यों को दबाया गया है और सिर्फ अस्थायी एवं तदर्थ पदोन्नतियां ही की गई हैं। इस आधार पर उन्होंने शीर्ष अदालत से सचिव को बरी करने का अनुरोध किया। हालांकि एल. नागेश्वर राव और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अटार्नी जनरल की दलील स्वीकार करने से इन्कार कर दिया और मामले की सुनवाई अगस्त के दूसरे हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।

नौ अप्रैल को शीर्ष अदालत ने सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया था और शीर्ष अदालत के केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पदोन्नति पर यथास्थिति के आदेश का उल्लंघन का दावा करने वाली याचिका पर स्पष्टीकरण तलब किया था। यह याचिका देबानंद साहू ने अधिवक्ता कुमार परिमल के जरिये दाखिल की थी।

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